गुरूकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय में स्वामी श्रद्धानन्द बलिदान दिवस पर टकराव के आसार




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शिक्षक–कर्मचारियों ने आर्य प्रतिनिधि सभाओं के पदाधिकारियों के आगमन का किया विरोध
न्यूज127, हरिद्वार
गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय में 23 दिसंबर 2025 को प्रस्तावित स्वामी श्रद्धानन्द बलिदान दिवस समारोह को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन और शिक्षक–कर्मचारियों के बीच टकराव की स्थिति बन गई है। विश्वविद्यालय के शिक्षक संघ, शिक्षकेत्तर कर्मचारी यूनियन एवं आर्य समाज, गुरुकुल कांगड़ी के पदाधिकारियों ने संयुक्त रूप से विश्वविद्यालय प्रशासन को एक पत्र सौंपकर स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि इस समारोह में आर्य प्रतिनिधि सभाओं (दिल्ली, हरियाणा एवं पंजाब) के पदाधिकारियों को आमंत्रित किया गया, तो विश्वविद्यालय के समस्त शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारी खुलकर विरोध प्रदर्शन करेंगे।

शिक्षक-कर्मचारियों का कहना है कि गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय भारत सरकार के रेगुलेशन 2023 के अंतर्गत संचालित हो रहा है और इसी नियमन के आधार पर माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा कुलाधिपति एवं कुलपति की नियुक्ति की गई है। जब वर्तमान कुलपति ने विश्वविद्यालय में पदभार ग्रहण किया था, उस समय समस्त कर्मचारियों एवं अध्यापकों ने भावविभोर होकर उनका स्वागत एवं सम्मान किया था। लेकिन अब कुलपति की कथित हठधर्मिता के कारण आर्य प्रतिनिधि सभाओं के पदाधिकारियों को स्वामी श्रद्धानन्द बलिदान दिवस समारोह में आमंत्रित किए जाने की तैयारी पर शिक्षक एवं कर्मचारी वर्ग नाराज है।

शिक्षक कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष डॉ. एम. एम. तिवारी एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष रजनीश भारद्वाज ने बताया कि इस विषय को लेकर 01 दिसंबर 2025 को प्रबंधन अध्ययन संकाय में आयोजित आम सभा में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया था कि आर्य समाज, गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय तथा समस्त शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारी एकजुट होकर आर्य प्रतिनिधि सभाओं के पदाधिकारियों का विरोध करेंगे।

उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यदि 23 दिसंबर 2025 को आयोजित स्वामी श्रद्धानन्द बलिदान दिवस समारोह में आर्य प्रतिनिधि सभाओं के प्रतिनिधि प्रतिभाग करते हैं, तो विश्वविद्यालय परिसर में किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना अथवा विवाद की संपूर्ण जिम्मेदारी विश्वविद्यालय प्रशासन की होगी। इस संबंध में शिक्षक, कर्मचारी संगठन एवं आर्य समाज, गुरुकुल कांगड़ी की ओर से एक संयुक्त पत्र जिला प्रशासन तथा विश्वविद्यालय प्रशासन को भी प्रेषित कर दिया गया है।

इस घटनाक्रम के बाद विश्वविद्यालय परिसर में तनावपूर्ण वातावरण बना हुआ है। शिक्षक एवं कर्मचारी संगठन अपने फैसले पर अडिग नजर आ रहे हैं, वहीं प्रशासन की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। ऐसे में 23 दिसंबर को प्रस्तावित कार्यक्रम को लेकर विश्वविद्यालय में बड़े टकराव की आशंका जताई जा रही है।