नवीन चौहान
गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के वेद विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो रूप किशोर शास्त्री को कुलपति पद की जिम्मेदारी कुलाधिपति डाॅ सत्यपाल सिंह ने सौंप दी है। विश्वविद्यालय के इतिहास में यहा पहली बार हुआ है कि संस्था में कार्यरत किसी प्रोफेसर को कुलपति पद का महत्वपूर्ण दायित्व संभालने अवसर मिला हो। इसी के साथ गुरूकुल कांगड़ी में नियुक्तियों का रास्ता भी साफ होगा।
5 अगस्त 2019 की पूर्वाह्न में कार्यवाहक कुलपति प्रो विनोद कुमार शर्मा ने प्रो रूप किशोर शास्त्री को कुलपति पद का कार्यभार सौंपा दिया। जिसके बाद विश्वविद्यालय परिसर में खुशी की लहर दौड़ गई। करीब एक साल के बाद गुरूकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय को स्थायी कुलपति मिला है। पूर्व कुलपति डॉ सुरेंद्र कुमार के सेवानिवृत्ति के बाद अस्थायी जिम्मेदारी प्रो विनोद कुमार शर्मा निभा रहे थे।
प्रोफेसर रूप किशोर शास्त्री का गुरूकुल से काफी गहरा नाता रहा है। वह काफी लंबे अरसे से यहां पर अध्यापन कार्य कर रहे है। इसके अलावा गुरूकुल की भौगोलिक स्थितियों से भी भली भांति परिचित है। आर्य समाज के सिद्धांतों का पालन करते हुए स्वामी श्रद्धानंद जी के बताए मार्ग का अनुसरण कर गुरूकुल को गति प्रदान करेंगे। तथा गुरूकुल की उन्नति की दिशा में कदम बढ़ायेंगे।

प्रोफेसर रूप किशोर शास्त्री को दुनिया में वेद विद्वान व प्राच्य विद्याओं के विशेषज्ञ और भारतीय संस्कृति के उन्नायक के रूप में जाना जाता है। मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय के महर्षि सान्दिपनी राष्ट्रीय वेद विद्याप्रतिष्ठानाम, उज्जैन के सचिव में सफलतम कार्यकाल पूर्ण किया है जिसमें प्रो शास्त्री ने पूरे देश में वेद का प्रचार प्रसास किया। तथा भारत सरकार से अनुदान प्रदान कराया है। प्रो शास्त्री देश के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों व संस्थानों में राष्ट्रीय स्तर की समितियों में अपनी सेवाए दे रहे हैं। इस अवसर पर प्रो विनोद कुमार शर्मा, प्रो आरकेएस डागर, प्रो अम्बुज कुमार शर्मा, प्रो दिनेश चन्द्र भट्ट, प्रो सीपी खोखर, प्रो प्रभात कुमार, प्रो आरसी दुबे, प्रो राकेश कुमार शर्मा, प्रो एसके श्रीवास्तव, प्रो सोहनपाल सिंह आर्य, प्रो विवेक कुमार, प्रो एमआर वर्मा, प्रो एलपी पुरोहित, प्रो सत्यदेव निगमालंकार, प्रो ईश्वर भारद्वाज, डा श्वेतांक आर्य, डा ऊधम सिंह, डा अजेन्द्र, डा मौहर सिंह मीणा, डा हरेन्द्र कुमार, डा पंकज कौशिक, डा विपुल भट्ट, डा अजय मलिक, डा शिव कुमार, डा दीनदयाल, डा बबलू, डा भारत आर्य इत्यादि प्राध्यापकों ने शुभकामनाएं प्रेषित की।



		
			

