न्यूज 127, हरिद्वार।
हरिद्वार के महिला अस्पताल में अग्नि सुरक्षा व्यवस्था की गंभीर अनदेखी सामने आई है। अस्पताल के वार्डों में लगाए गए आग बुझाने के उपकरणों में प्रेशर खत्म हो चुका है, जिससे आपात स्थिति में इनके पूरी तरह से फेल होने का खतरा बना हुआ है। यदि किसी कारणवश अस्पताल परिसर में आग लगती है, तो आग पर काबू पाना मुश्किल हो सकता है।
बताया जा रहा है कि जिन वार्डों में ये फायर सिलेंडर लगाए गए हैं, वहीं पर महिला मरीज और नवजात शिशु भर्ती रहते हैं। ऐसे संवेदनशील स्थानों पर अग्नि सुरक्षा उपकरणों का निष्क्रिय होना मरीजों की जान के लिए बड़ा खतरा बन सकता है। अस्पताल प्रशासन द्वारा नियमित जांच और रखरखाव न किए जाने के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है।
अस्पताल में प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में गर्भवती महिलाएं, प्रसूता और उनके परिजन आते हैं। इसके बावजूद आग से बचाव के लिए जरूरी इंतजाम कागजों तक ही सीमित नजर आ रहे हैं। स्थानीय लोगों और मरीजों के परिजनों का कहना है कि अस्पताल जैसे महत्वपूर्ण संस्थान में इस तरह की लापरवाही अक्षम्य है।
स्वास्थ्य विभाग के दिशा-निर्देशों के अनुसार सभी सरकारी अस्पतालों में फायर सेफ्टी उपकरणों की नियमित जांच और समय-समय पर रिफिलिंग अनिवार्य है। लेकिन महिला अस्पताल में कई स्थानों पर फायर सिलेंडरों का प्रेशर शून्य पाया गया है, जिससे उनकी उपयोगिता समाप्त हो चुकी है।
इस मामले के सामने आने के बाद अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या किसी बड़े हादसे के इंतजार में प्रशासन बैठा है। आमजन ने जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग से मांग की है कि मामले का तत्काल संज्ञान लेकर अग्नि सुरक्षा व्यवस्था को दुरुस्त किया जाए, ताकि मरीजों और नवजातों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।



