हरिद्वार। एआरटीओ में निशुल्क सरकारी फार्म को एक बाबू का निजी ड्राइवर बेच रहा था। पीड़ित की सूचना पर जिलाधिकारी दीपक रावत ने एआरटीओ में छापेमारी कर दी। आरोपी एक निजी वाहन का चालक है। डीएम के आदेश पर मुकदमा दर्ज कराया जा रहा है। जबकि एआरटीओ से भी स्पष्टीकरण मांगा गया है।
जिलाधिकारी दीपक रावत सुशासन के पक्षधर है। इसी के चलते वह छोटी से छोटी सूचना पर त्वरित कार्रवाईकरते है। पीड़ितों को न्याय मिले इसके लिये वह खुद जिम्मेदारी से कर्तव्य का पालन करते है। ऐसा ही कुछ सोमवार की सुबह हुआ। जब एक व्यक्ति जिलाधिकारी दीपक रावत के पास परिवहन कार्यालय की शिकायत लेकर पहुंचा। पीड़ित ने डीएम को बताया कि एआरटीओ में रजिस्टेशन फार्म नहीं मिल रहे है जबकि आफिर के बाहर एक आटो में निजी कर्मचारी मंहगे कीमत पर बेच रहा है। इस भ्रष्टाचार की शिकायत पर जिलाधिकारी दीपक रावत का पारा गरम हो गया। वह सीधे परिवहन कार्यालय पहुंच गये। डीएम ने वहां मौजूद एक व्यक्ति शिकायत की सत्यता की पड़ताल की। डीएम को पता चला कि उक्त व्यक्ति मंजीत एआरटीओ के ही एक बाबू का निजी चालक है। जो खुद आटो में फार्म बेच रहा था। इस बात पर डीएम दीपक रावत ने आरोपी मंजीत के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के आदेश एआरटीओ को दिये है। इसके अलावा खुद एआरटीओ से भी स्पष्टीकरण देने के आदेश डीएम ने दिये है।
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डीएम ने एआरटीओ को फोन पर सुनाया आदेश
हरिद्वार। जिलाधिकारी दीपक रावत जब एआरटीओ पहुंचे तो खुद एआरटीओ साहब एक प्रदूषण कार्यालय का निरीक्षण करने गये थे। डीएम दीपक रावत ने एआरटीओ मनीष तिवारी को फोन पर ही मुकदमा दर्ज कराने के आदेश दिये है।
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सरकारी बाबू का निजी ड्राइवर बेच रहा था फार्म, डीएम के आदेश पर मुकदमा


