छात्रवृत्ति घोटाले की S.I.T करेगी जांच, हरिद्वार के कॉलेजों पर आएगी आंच




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न्यूज 127.
उत्तराखंड में अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति योजना में सामने आई भारी अनियमितताओं पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कड़ा रुख अपनाया है। मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल पर पंजीकृत संस्थाओं द्वारा किए गए घोटाले को गंभीरता से लेते हुए विशेष जांच टीम (SIT) के गठन के आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि “छात्रवृत्ति जैसे कल्याणकारी कार्यक्रमों में भ्रष्टाचार किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।”
प्रथम दृष्टया जांच में सामने आया है कि कई संस्थाओं ने फर्जी आधार कार्ड, पहचान पत्र और निवास प्रमाण पत्रों के आधार पर छात्रों का रिकॉर्ड बनाकर छात्रवृत्ति की राशि का गबन किया है। इन संस्थानों में मदरसे, संस्कृत विद्यालय और अन्य निजी शिक्षण संस्थाएं शामिल हैं। केंद्र सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए 2021-22 और 2022-23 के आंकड़ों के अनुसार, राज्य की 92 संस्थाएं संदेह के घेरे में हैं। इनमें से 17 संस्थाओं पर छात्रवृत्ति गबन की पुष्टि हो चुकी है। उधम सिंह नगर का सरस्वती शिशु मंदिर हाई स्कूल और रुद्रप्रयाग का वासुकेदार संस्कृत महाविद्यालय इस अनियमितता में शामिल पाए गए हैं। साथ ही, नैनीताल, हरिद्वार समेत कई जिलों की संस्थाओं पर भी जांच की तलवार लटक रही है।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर गठित SIT इस पूरे मामले की गहराई से जांच करेगी। जांच के दायरे में संस्थाओं के साथ-साथ शासन और प्रशासन से जुड़े अधिकारी भी शामिल होंगे। केंद्र सरकार ने सात मुख्य बिंदुओं पर जांच के निर्देश दिए हैं, जिनमें फर्जी दस्तावेजों की पहचान, दोषियों के खिलाफ FIR दर्ज कर कार्रवाई जैसे पहलू प्रमुख हैं। इस पूरे प्रकरण ने राज्य में शिक्षा योजनाओं की निगरानी और पारदर्शिता को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। मुख्यमंत्री द्वारा एसआईटी गठित करने का निर्णय एक सख्त संदेश है कि जनहित की योजनाओं में किसी भी प्रकार की लापरवाही या भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।