नवीन चौहान
सात महीने के बाद 10वीं व 12वीं के छात्र—छात्राओं के लिए स्कूल के गेट खुल गए। पहले दिन अभिभावक स्वयं बच्चों को छोड़ने के लिए स्कूल पहुंचे। हालांकि पहले दिन छात्र—छात्राओं की संख्या कम रही। पहले दिन पढ़ाई के बजाय केवल औपचारिकता ही पूरी की गई। लेकिन इससे उम्मीद लगी है कि पढ़ाई पूर्व की भांति शुरू हो जाएगी।
दो नवंबर दिन सोमवार को स्कूलों के गेट पढ़ाई के लिए खोल दिए गए। पढ़ाई के लिए दसवीं व बारहवीं के छात्र—छात्राओं को बुलाया गया। पढ़ाई के लिए आने पर अभिभावक का शपथ पत्र लिया गया। साथ ही बच्चों को मास्क और सैनिटाइजर के साथ प्रवेश दिया गया। स्कूलों में भी गेट के साथ कक्षा में सैनिटाइज कराके ही प्रवेश दिया गया। कक्षाओं में नियमों का पालन कराते हुए 6 फीट की दूरी पर बैठाया गया। लेकिन स्कूलों में बच्चों की संख्या कम रही। अधिकांश बच्चों को स्कूल में छोड़ने के लिए अभिभावक स्वयं आए। हालांकि अधिकारी इसे स्कूल खोलने का ट्रायल बता रहे हैं। डीपीएस रानीपुर के प्रधानाचार्य डॉ. अनुपम जग्गा ने बताया कि सात महीने के बाद स्कूलों को खोला गया है। कोविड—19 की गाइड लाइन का अक्षरश पालन कराया जा रहा है। बच्चों की सुरक्षा दृष्टिगत तमाम सुरक्षा प्रबंध किए गए है। ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों की फोरमेट में पढ़ाई कराई जाएगी।
डीएवी पब्लिक स्कूल जगजीतपुर के कार्यवाहक प्रधानाचार्य मनोज कपिल ने बताया कि बच्चों की सुरक्षा के लिए तमाम चॉक चौबंद प्रबंध किए गए है। अपेक्षा के अनुरूप बच्चों की संख्या कम रही। लेकिन बच्चों के स्कूल पहुंचने से उनमें आत्म विश्वास बढ़ा है। आने वाले दिनों में संख्या अधिक रहेगी।
एसएम पब्लिक स्कूल जगजीतपुर के प्रधानाचार्य आरएस सूद ने बताया कि स्कूल खोलने से पहले साफ—सफाई के साथ सैनिटाइज कराया गया। शिक्षा विभाग के अधिकारियों की संतुष्ठी के बाद पढ़ाई शुरू कराई गई।
शिवडेल पब्ल्कि स्कूल की प्रधानाचार्य किरण शर्मा ने बताया कि नियमों का पालन कराते हुए पढ़ाई शुरू करा दी है।
मुख्य शिक्षा अधिकारी डा आनंद भारद्वाज ने बताया कि सभी स्कूलों से छात्र—छात्राओं की रिपोर्ट ली जाएगी। जिसे शासन को भेजा जाएगा।
कोरोना संक्रमण के चलते खुले सात महीने बाद हरिद्वार के स्कूल



