नवीन चौहान
प्रशासनिक अफसर अगर अपनी कुर्सी पर बैठकर मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए कार्य करे तो पीड़ित के दिल से निकलने वाला आशीर्वाद उसके कीर्तिमान में इजाफा करता है। पीड़ितों की सेवा करने से जहां अफसर को आत्मसंतुष्टि मिलती है। वही पीड़ितों को भी त्वरित न्याय मिलता है। फिलहाल हरिद्वार के वर्तमान एसडीएम गोपाल चौहान गरीबों की सेवा के इस पुनीत कार्य को करने में जुटे है। एसडीएम तहसील परिसर में गरीबों की समस्याओं का प्राथमिकता से निस्तारण कर रहे है। पीड़ितों की मदद के लिए खुद आगे बढ़कर संबंधित अधिकारियों को निर्देश दे रहे है।
शुक्रवार को एसडीएम गोपाल सिंह चौहान व तहसीलदार आशीष घिल्डियाल के साथ तहसील परिसर के अपने कार्यालय में बैठकर प्रशासनिक कार्य को कर रहे थे। इसी दौरान एक 82 साल के बुजुर्ग ने उनके कक्ष में प्रवेश किया। बुजुर्ग की आंखों से आंसू बहने लगे और जुबां लड़खड़ाने लगी। एसडीएम ने अपना कार्य छोड़कर बुजुर्ग की ओर ध्यान केंद्रित किया। बुजुर्ग ने अपना नाम ओमप्रकाश वर्मा बताया। ओमप्रकाश ने बताया कि वह जमालपुर कलां गांव की दयाल इंक्लेव कॉलोनी में रहता है। उसकी जवान बेटी आशा के पति अमित का 34 साल की आयु में बुखार आने के बाद निधन हो गया। उनकी जवान विधवा बेटी घर पर बैठी है। घर पर आर्थिक तंगी है। उसके विधवा भरण पोषण का आवेदन लेकर आया हूं। बुजुर्ग ने बताया कि मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए नगर निगम के अधिकारियों को प्रार्थना पत्र दिया है। एसडीएम गोपाल चौहान ने बुजुर्ग ओमप्रकाश के आवेदन की फाइल को देखने के बाद तत्काल नगर निगम के अधिकारियों ने मृत्यु प्रमाण पत्र की जानकारी करते हुए तत्काल मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाया। इसके बाद एसडीएम गोपाल चौहान ने मृत्यु प्रमाण पत्र की प्रति व्हाट्सएप पर ही मंगवाई। जिसके बाद विधवा भरण पोषण के आवेदन को स्वीकृति की संस्तुति करने के साथ ही समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों को फोन कर दिया। एसडीएम गोपाल चौहान ने बुजुर्ग ओमप्रकाश की फाइल को अपनी सुपुर्दगी में ले लिया। बुजुर्ग को भरोसा दिया कि आपकी बेटी की पेंशन जल्द शुरू हो जायेगी। अब आपको कहीं जाने की जरूरत नही होगी। समाज कल्याण विभाग में आपकी फाइल हम खुद भिजवा देंगे। बुजुर्ग की आंखों में अब खुशी के आंसू थे और चेहरे पर सकून था। बुजुर्ग लड़खड़ाते कदमों से एसडीएम गोपाल चौहान के कक्ष से निकले तो उन्होंने तत्काल अपने सुरक्षाकर्मी को बुलाकर बुजुर्ग को सीढ़ियों से उतरवाने को निर्देशित किया। ये तो एक घटना है।

इसी दौरान दूसरा वाक्या तब हुआ जब एक बुजुर्ग महिला बिजली विभाग के द्वारा अंडरग्राउंड केबिल के मीटर घर के दरवाजे पर लगाने की समस्या लेकर पहुंची। बुजुर्ग महिला देवपुरा पर रहती है। बिजली विभाग की कारस्तानी के चलते समस्या से जूझ रही है। एसडीएम गोपाल चौहान ने पीड़ित बुजुर्ग महिला के मुख्य द्वार से मीटर हटाने को लेकर अधिशासी अभियंता को निर्देशित किया। बिजली विभाग की टीम महिला के घर पहुंच गई थी।



 
		
			

