आदर्श गांवों को डिजीटल बनाने के साथ, सड़कें, पेयजल के काम हुए शुरू




नवीन चौहान
प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत 50 प्रतिशत से अधिक अनुसूचित जाति जनसंख्या वाले चयनित गांवों में विकास कार्य शुरू हो गए है। जिसके तहत गांवों में पेयजल एवं स्वच्छता, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं पोषण, समाज सुरक्षा, ग्रामीण सड़कें एवं आवास, विद्युत एवं स्वच्छ ईंधन, कृषि, वित्तीय समावेश, डिजिटलीकरण जैसी सेवाएं उपलब्ध होगी। इससे ग्रामीणों को शहर की ओर रूख ही न करना पड़े। गांव विकास योजना का उद्देश्य चुने गांवों का आदर्श ग्राम के रूप में लगभग 5 वर्ष की समय सीमा में विकास करने के लिए व्यापक, वास्तविक और व्यावहारिक रूप रेखा तैयार करना है।
शुक्रवार को कलेक्ट्रेट में मुख्य विकास अधिकारी विनीत तोमर ने प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के अंतर्गत गठित जिला स्तरीय समिति की समीक्षा बैठक आयोजित हुई। सीडीओ विनीत तोमर ने स्कूलों में शौचालय के बारे में जानकारी ली। अधिकारियों ने शौचालय बनाए जा चुके और नए बनाने का प्रस्ताव उनके सामने रखा। इसके अलावा अधिकारियों ने आंगनबाड़ी केंद्रों के बारे में बताया। अधिकारियों ने समीक्षा बैठक में बताया कि प्रधानमंत्री आदर्श गांव योजना के तहत 53 गांव चिह्नित हैं, लेकिन अब एक गांव वन पंचायत में तथा एक गांव शहरी क्षेत्र में आने की वजह से प्रधानमंत्री आदर्श गांव योजना में चिह्नित गांवों की संख्या-51 रह गयी है। बैठक में डीडीओ पुष्पेन्द्र सिंह चौहान, जिला उद्यान एवं समाज कल्याण अधिकारी नरेन्द्र यादव, जिला कार्यक्रम अधिकारी भारती तिवारी आदि शामिल हुए।



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