नवीन चौहान,
हरिद्वार। उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के युवा महोत्सव कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पधारे दिव्य प्रेम सेवा मिशन के प्रमुख आशीष गौतम ने कहा कि भारत की पहचान हमारी संस्कृति से ही है। पूरा विश्व भारतीय संस्कृति का अनुसरण करता है। गुरूकुलों में छात्रों को शिक्षा के साथ-साथ संस्कृति और परंपराओं का ज्ञान दिया जाता था। लेकिन अंग्रेजों के द्वारा लार्ड मैकाले की शिक्षा पद्धति ने भारतीय संस्कृति को छिन्न भिन्न करने का प्रयास किया है। यही कारण है कि अंकों की दौड़ में छात्र आत्महत्या तक करने पर आमादा हो गये है।
भारत के युवाओं को नई ऊर्जा के साथ गुरूकुल की शिक्षा पद्धति पर शिक्षा ग्रहण करके भारतीय संस्कृति को बचाने का संकल्प करना होगा। इसी के चलते उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के छात्रों ने युवा महोत्सव कार्यक्रम में भारतीय संस्कृति को बचाने की शपथ दिलाई गई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि दिव्य प्रेम सेवा मिशन के प्रमुख आशीष भैया ने सभी को शपथ दिलाई।
उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय में युवा महोत्सव कार्यक्रम धूमधाम के साथ मनाया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के छात्रों ने शानदार प्रस्तुतियां दी। मुख्य अतिथियों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुये वक्ताओं का मुख्य फोकस भारतीय संस्कृति और परंपराओं का ज्ञान छात्रों को दिया गया। वक्ताओं ने कहा कि विश्वविद्यालय अपने प्रांगण से ऐसे छात्र की फ़ौज तैयार करेगा जो भारत व भारत की संस्कृति को बचाएगा व पुनः भारत के खोये हुए गौरव को वापिस लाने की कोशिश करेगा। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि आशीष गौतम दिव्य प्रेम मिशन के संस्थापक, संजय चतुर्वेदी नमामि गंगे के संयोजक, रजिस्ट्रार गिरिश अवस्थी, वित्र नियंत्रक तंजीम अली , समाजसेवी ओम प्रकाश जगदम्नि, डॉ रत्न लाल कौशिक व छात्र संघ अध्यक्ष रविन्द्र नौटियाल आदि थे।