हरिद्वार भाजपा में खामोश हलचल — एक तस्वीर से बदले समीकरण




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नवीन चौहान
कभी-कभी राजनीति में तस्वीरें बहुत कुछ कह जाती हैं जो शब्द नहीं कह पाते। और कभी कोई चेहरा नज़र न आकर बड़ा सवाल खड़ा कर देता है।
डाम कोठी की एक फोटो सोशल मीडिया पर वायरल फोटो बन चुकी है — जिसमें मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और पूर्व कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक एक सोफे पर एक साथ बैठे नजर आ रहे हैं। इस तस्वीर ने हरिद्वार भाजपा की राजनीति में एक नई चर्चा को जन्म दिया है। जिसके सियासी मायने निकाले जा रहे है।


विदित हो कि हरिद्वार विधायक मदन कौशिक भाजपा के वरिष्ठ नेता है। दो बार केबिनेट मंत्री रह चुके है। जबकि प्रदेश अध्यक्ष के रूप में उनका कार्यकाल बेहद सराहनीय रहा। भाजपा को सत्ता में दोबारा काबिज कराने में मदन कौशिक की भूमिका को नजरअंदाज नही किया जा सकता है। मदन कौशिक की कुशल रणनीति और प्रदेश संगठन का नेतृत्व भाजपा को सत्ता की कुर्सी तक पहुंचाने में सफल साबित हुआ।


लेकिन बात करें प्रदेश के युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और मदन कौशिक के रिश्तों की तो उनमें कुछ दूरी हमेशा दिखाई दी। मदन कौशिक की प्रदेश अध्यक्ष पद से विदाई होने के बाद हरिद्वार विधायक के पद तक ही सीमित रहना पड़ा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को दूसरी बार मुख्यमंत्री बनाया गया तो मदन कौशिक को कैबिनेट से बाहर किए जाने के बाद उनके समर्थकों ने इसे ‘दरकिनार करने की कोशिश’ बताया था। वहीं मुख्यमंत्री के तेजी से उभरते कद ने भीतर ही भीतर खींचतान को जन्म दिया।
लेकिन शिवभक्त कांवड़ियों के सम्मान समारोह और फिर डाम कोठी की तस्वीर ने बता दिया कि दोनों नेताओं ने राजनीतिक परिपक्वता दिखाते हुए संवाद और सहयोग का रास्ता चुना है। यह भाजपा के लिए राहत की बात है — खासकर 2027 की तैयारी में जुटी पार्टी के लिए।
नगर विधायक मदन कौशिक का राजनैतिक अनुभव और धाकड़ धामी की जुगलबंदी की चर्चाएं जोर पकड़ रही है। इस तस्वीर के बाद तरह—तरह की चर्चाएं हो रही है।

विदित हो कि हरिद्वार विधायक मदन कौशिक पांच बार के विधायक और दो बार केबिनेट मंत्री रह चुके है। प्रदेश अध्यक्ष के रूप में उनका कार्यकाल उपलब्धियों का रहा और भाजपा ने मिथक तोड़कर सत्ता हासिल की। भाजपा का शीर्ष नेतृत्व मदन कौशिक के चुनावी प्रबंधन की रणनीति का कायल है। ऐसे में उत्तराखंड की सियासत में मदन कौशिक की काबलियत को नजरअंदाज करना भाजपा को 2027 के चुनाव में भारी पड़ सकता है। साल 2027 के चुनाव से पहले मुख्यमंत्री पुष्कर ​धामी और मदन कौशिक की नजदीकियां पार्टी के लिए अच्छे संकेत की ओर इशारा कर रही है।