नवीन चौहान
हरिद्वार। व्यक्ति चाहे किसी भी पद पर बैठा हो उसे पद का अंहकार कभी नहीं करना चाहिये। व्यक्ति को सदैव उदार होना चाहिये। संसार के सभी व्यक्ति चाहे गरीब हो या अमीर सभी व्यक्तियों को बराबर सम्मान देना चाहिये। ऐसी ही उदारता का परिचय हरिद्वार के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार वीके ने दिखाया है। उन्होंने पुलिस लाईन में कार्यक्रम देखने आये दो गरीब बच्चों को पुलिस महकमे का खास मेहमान बना दिया। एसएसपी ने दोनों बच्चों को दुलार किया। उनसे हाथ मिलाया और दोनों बच्चों को सम्मानित तरीके ने चाय नाश्ता कराया गया। जिसके बाद उनकी पढाई लिखाई कराने की जिम्मेदारी को भी स्वीकार किया। इस घटना के प्रत्यक्षदर्शी पुलिसकर्मी जो कि वर्दी के अंहकार में रहते है उनके चेहरे देखने लायक थे।
शुक्रवार को रोशनाबाद पुलिस लाईन में पुलिस अंतर जनपदीय पुलिस वाहिनी वैज्ञानिक अनुसंधान फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी, एंटी सबोटाज, कंप्यूटर, श्वान प्रतियोगिता का समापन समारोह आयोजित किया गया था। पुलिस लाईन को पूरी तरह से सजाया गया था। खेल प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने वाले पुलिसकर्मी उपस्थित थे। जनपद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार वीके पुलिस लाइन पहुंच गये थे। वह कार्यक्रम स्थल पर सोफे पर बैठे थे। इसी दौरान उनकी नजर कार्यक्रम स्थल के पास जमीन पर बैठे दो बच्चों पर पड गई। दोनों बच्चे मैले मुचैले से कपडे पहने हुये थे। शायद पुलिस के इस भव्य समारोह को देखने वहां आये थे। एसएसपी ने दोनों बच्चों को देखते ही अपने पास बुला लिया। उन बच्चों ने उनके नाम पूछे। जिसमें एक बच्चे ने खुद का परिचय सद्दाम हुसैन तथा दूसरे बालक ने अपना नाम आबिद बताया। एसएसपी साहब ने पूछा कि आप कहां रहते हो तो दोनों बच्चों ने बताया कि वह सिडकुल के पास नदी किनारे झोपडी में बीच रहते है। उन्होंने पूछा कि स्कूल गये हो तो दोनों ने मना कर दिया। बच्चों ने बताया कि उनको पढना लिखना नहीं आता है। एसएसपी साहब ने दोनों बच्चों से पढने की इच्छा पूछी तो एक बार तो दोनों सकपका गये फिर हां में जबाव दिया। इतना सुनने के बाद एसएसपी कृष्ण कुमार वीके ने पास में खडे एक पुलिस इंस्पेक्टर को दोनों बच्चों को आदर पूर्वक नाश्ता कराने को कहा। जिसके बाद दोनों बच्चों को चाय और तमाम प्रकार के पकोडे व फलों का नाश्ता कराया। दोनों बच्चों के शिक्षण कार्य के लिये एडमिशन कराने की एसएसपी साहब की ओर से तैयारी शुरू कर दी गई है। इन गरीब बच्चों को तो ये भी नहीं मालूम कि जिस व्यक्ति से वह बात कर रहे है वह जनपद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक है। एसएसपी साहब की इस उदारता पर वहां मौजूद पुलिस ने भी सीख ली है।



