राष्ट्र की असली ताकत धन और सैन्य बल नहीं महिलाओं का चरित्र: स्वामी नित्यानंद




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नवीन चौहान.
स्वामी नित्यानंद ने कहा कि किसी भी राष्ट्र की असली ताकत बैंक में पड़ा धन या सैन्य बल नहीं है। राष्ट्र की असली ताकत उस राष्ट्र की महिलाओं का चरित्र होता है। स्वामी दयानंद ने कहा था कि यदि महिलाएं चरित्रवान होंगी तो वों संस्कारी बच्चों को जन्म देंगी।

स्वामी नित्यानंद सोमवार को डीएवी सेंटेनरी पब्लिक स्कूल में आयोजित दो दिवसीय वैदिक आनंदोत्सव कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे। स्वामी नित्यानंद ने ही डीएवी संस्था का डीएवी गान लिखा है जिसे देश की भी संस्थाओं में गाया जाता है। न्यूज 127 से खास बातचीत में स्वामी जी ने बताया कि डीएवी का मूल उद्देश्य स्वामी दयानंद जी के संकल्प पुन: वेदों की ओर लौटे को आगे बढ़ाते हुए अपना योगदान देना है। यदि कोई डीएवी संस्था वैदिक धर्म का प्रचार नहीं कर रही है तो उसका उद्देश्य समाप्त हो जाता है। पढ़ायी तो अन्य संस्थाएं भी कराती है लेकिन डीएवी का उद्देश्य पढ़ायी के साथ साथ नैतिक शिक्षा, धार्मिक शिक्षा वेदों के आधार पर जोड़कर बच्चों को शिक्षा का ज्ञान देना है। अभिभावकों को भी इस बात का अहसास होना चाहिए कि उनका बच्चा डीएवी में पढ़ायी कर वैदिक ज्ञान प्राप्त हो रहा है। उसमें राष्ट्र और समाज के प्रति कर्तव्य की भावना जागृत होनी चाहिए। युवा पीढ़ी को समाज से जोड़ने के लिए यह बेहद जरूरी है।
वैदिक शिक्षा को छोड़कर अंध विश्वासों को पकड़ने से देश भटक गया है। कहा कि सबसे बुरा समाज का पतन तब होता है जब किसी बुराई को वह धर्म के नाम पर पकड़ लेता है। स्वामी दयानंद ने अंध विश्वासों से दूर रखकर वेद संस्कृति से जुड़ने के लिए प्रेरित किया। स्वामी नित्यानंद ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रमों से हमें अपनी संस्कृति से जुड़ने का मौका मिलता है।