Raksha Bandhan 2025: इस बार राखी पर नहीं रहेगा भद्रा का साया, पूरे दिन मनाए त्योहार




Listen to this article

नवीन चौहान, न्यूज 127.
बहनों के लिए इस बार राखी के त्यौहार पर समय का कोई बंधन रहेगा। दशकों बाद ऐसा संयोग बन रहा है जिसकी वजह से इस बार रक्षा बंधन पर भद्रा का साया नहीं होगा। बहनें इस रक्षा बंधन पर भाईयों की कलाई पर सुबह से लेकर शाम तक आराम से रक्षा सूत्र बांध सकेंगी।

शास्त्रों में उल्लेख है कि भद्रा में राखी नहीं बांधी जानी चाहिए। लेकिन इस बार रक्षाबंधन के दिन सूर्य की पुत्री एवं शनि की बहन भद्रा भूलोक में नहीं होगी। मान्यताओं के अनुसार भद्रा को शुभ कार्यों में अशुभ माना जाता है। इस बार रक्षाबंधन का पवित्र त्यौहार 9 अगस्त दिन शनिवार को बहुत ही शुभ और विशेष संयोग व ग्रहों के दुर्लभ योग में मनाया जाएगा।

ज्योतिषों की मानें तो भाई-बहन के स्नेह के पर्व पर इस बार कल्याणकारी दुर्लभ मंगलकारी संयोग रहेगा। इसके चलते पूरे दिन बहनें भाई की कलाई पर रेशम की डोर बांध सकेंगी। रक्षाबंधन श्रावण शुक्ल पूर्णिमा को भद्रा रहित तीन मुहूर्त या उससे अधिक व्यापिनी पूर्णिमा तिथि को अपराह्न व प्रदोष काल में मनाया जाता है। ​

ज्योतिष सलाहकार राहुल अग्रवाल के मुताबिक दशकों बाद निर्विघ्न राखी का संयोग बन रहा है। इस बार भद्रा 9 अगस्त को सूर्य उदय से काफी पहले ही समाप्त हो जाएगी। शनिवार को दिन या रात में किसी भी प्रकार का भद्रा का साया नहीं रहेगा। रक्षाबंधन पर शनिवार का दिन श्रवण नक्षत्र व सौभाग्य योग का शुभ संयोग त्रिवेणी योग का निर्माण कर रहा है। इस दिन चंद्रमा मकर राशि में रहेंगे इसके स्वामी शनि है, शनिवार के दिन के स्वामी भी शनि है, श्रावण नक्षत्र स्वयं शनि की राशि में आता है।

शास्त्रीय मान्यता के अनुसार श्रवण नक्षत्र के अधिपति भगवान विष्णु है, जबकि सौभाग्य योग के अधिपति ब्रह्मा है। इसी कारण इस बार यह पर्व ब्रह्मा विष्णु की दृष्टि में संपन्न होगा, जो इसे आध्यात्मिक दृष्टि से और भी अधिक सौभाग्यशाली बनाता है। बताया कि इस बार राखी पर सूर्य देव बुध ग्रह के साथ मिलकर बुध आदित्य योग व नव पंचम योग आदि का निर्माण भी हो रहा है। इस बार कोई भी भ्रमित करने वाली स्थिति रक्षाबंधन के पर्व पर नहीं है। इस दिन बहनें बिना किसी चिंता के पूरे दिन रक्षा सूत्र भाईयों की कलाई पर बांध सकती हैं।