मां के निधन के तीन दिन बाद ही ड्यूटी पर लौटे यातायात निरीक्षक हितेश कुमार- कर्तव्यनिष्ठा की मिसाल




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न्यूज127
श्रावण मास की कांवड़ यात्रा के दौरान जब हर कोई अपने-अपने दायित्वों में व्यस्त है, वहीं यातायात निरीक्षक हितेश कुमार ने मानवता और कर्तव्यनिष्ठा की ऐसी मिसाल पेश की, जिसने हर किसी को भावुक कर दिया।
तीन दिन पहले मां का निधन, और इसके बावजूद हितेश कुमार ने अपने व्यक्तिगत दुख को पीछे छोड़ते हुए ड्यूटी पर लौटने का निर्णय लिया। वे फिलहाल हरिद्वार में कांवड़ मेला ड्यूटी में तैनात हैं और दिन-रात शिवभक्तों की सेवा में जुटे हैं। यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाने के लिए अपने कर्तव्य का निर्वहन कर रहे है।

विदित हो कि यातायात निरीक्षक हितेश कुमार अपने कर्तव्य के प्रति संजीदा है। सामान्य दिनों में भी वह पुलिस डयूटी को प्राथमिकता देते है। लेकिन मां के निधन के बाद एक बेटे का मानसिक कष्ट अपूर्णीय क्षति होता है। लेकिन पुलिस डयूटी के प्रति उनकी यह भावना न केवल एक जिम्मेदार पुलिसकर्मी की, बल्कि एक सच्चे इंसान की पहचान है। हितेश कुमार को हरिद्वार की यातायात व्यवस्था का गहरा अनुभव है। ऐसे में लाखों की संख्या में प्रतिदिन हरिद्वार पहुंचने वाले कांवड़ियों की सेवा करना और यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाकर रखने में उनकी अहम भूमिका रहेगी।

कर्तव्य पहले, फिर व्यक्तिगत जीवन
हितेश कुमार ने कहा —
“माँ हमेशा सिखाती थीं कि कर्तव्य सबसे ऊपर होता है। उनकी आत्मा की शांति भी शायद इसी में है कि मैं श्रद्धालुओं की सेवा कर रहा हूँ।”
एसपी ट्रैफिक जितेंद्र मेहरा ने सराहा योगदान
एसपी ट्रैफिक जितेंद्र मेहरा ने हितेश कुमार के इस समर्पण की प्रशंसा करते हुए कहा
“ऐसे अधिकारी विभाग की असली ताकत होते हैं। हितेश ने जो किया, वह पूरे पुलिस बल के लिए प्रेरणा है।”
शिवभक्तों की सेवा में दिन-रात तैनात
हितेश कुमार अब प्रेमनगर पुल और आसपास के ट्रैफिक पॉइंट्स पर तैनात हैं, जहां भीड़ नियंत्रण, यातायात संचालन और श्रद्धालुओं को सहायता प्रदान करने में वे अहम भूमिका निभा रहे हैं।