यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ​को मिला मां का स्पर्श, सुरक्षा और स्नेह का अहसास




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नवीन चौहान

उत्तर प्रदेश के सबसे शक्तिशाली इंसान के मुंह से एक शब्द निकला मां। मां ही वह शब्द है जो इंसान को उसका वजूद देता है। जी हां यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरक्षपीठाधीश्वर है। मुख्यमंत्री होने के बाबजूद सच्चे योगी है। राजनैतिक क्षेत्र में जुड़े होने के साथ— साथ धर्म कर्म के कार्यो का सच्ची निष्ठा के साथ निर्वहन करते है। उत्तराखंड की भूमि में जन्मे और प्राथमिक शिक्षा लेने के बाद अपने परिवार से नाता तोड़कर गोरक्षनाथ पीठ में योगी बन गए। लेकिन जनसेवा की भावना उनको राजनीति में ले आई और भारत के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनन का सौभाग्य भी उनको मिला। लेकिन आज यहां बात योगी आदित्यनाथ की राजनीति और योगी बनने की नही की जायेगी। चर्चा उनके मुंह से निकले शब्द मां को लेकर हो रही है। यही वह शब्द है जो उन्होंने एम्स ऋ​षिकेश के एक वार्ड में भर्ती बीमार मां को देखते ही बोले।


मां, यह शब्द ही अपने आप में एक एहसास है। मां वो होती है जो हमें जन्म देती है, पालती है, और हमारे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होती है। मां का प्यार निस्वार्थ होता है, उसका समर्पण अद्वितीय होता है, और उसकी ममता अनमोल होती है।
मां हमारी पहली शिक्षक होती है, जो हमें सही और गलत का फर्क बताती है। उसके बिना हमारा जीवन अधूरा होता है। जब हम दुखी होते हैं, तो मां की गोद सबसे ज्यादा सुरक्षित और सुकून भरी जगह होती है। मां का स्पर्श हमें सुरक्षा और स्नेह का अहसास कराता है।
मां की ममता, उसकी प्यार भरी निगाहें, उसकी सलाह और उसके द्वारा दी गई सीखें हमारे जीवन को संवारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। उसका महत्व शब्दों में व्यक्त करना मुश्किल है, क्योंकि मां का प्रेम और उसके बलिदान को किसी भी मापदंड में बांधना संभव नहीं है।
कुछ ऐसा ही एहसास यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को मिला। आए तो योगी जी अपनी बीमार मां का हाल जानने लेकिन वह दिल में दर्द समेट कर ले गए। उनकी आंखों में मां के लिए सम्मान और सेवा की भावना भी दिखाई दी। तो राजनैतिक और धार्मिक कर्तव्य की बेडियों में जकड़ी अपनी निजी विवशता भी देखने को मिली। योगी जी वास्तव में आप जैसा कोई नही है।
आपके मुंह से मां निकलना ही संसार की सभी संतानों के लिए एक नसीहत है। मां का हमारे जीवन में होना एक वरदान है। हमें चाहिए कि हम उनकी कदर करें, उनका सम्मान करें और हर दिन उनके प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करें।