सोनी चौहान
श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के तीसरे दिन कथा को विस्तार देते हुए सुप्रसिद्ध कथावाचक पंडित प्रमोद चंद्र जोशी ने कहा कि उत्तराखंड देवभूमि हरि और हर दोनों की पावन भूमि है। देवाधिदेव हिमालय महादेव और भगवान विष्णु तपोभूमि तथा शकुंतला पुत्र भरत की जन्मभूमि है जिनके नाम से हमारे देश का नाम भारत पड़ा , जो महान तपस्वी यशस्वी हुए।
संगीतमय कथा का रसपान कराते हुए व्यास पीठाधीश्वर प्रमोद चंद्र जोशी ने कहा कि कनखल का यह गंगा का पावन तट हमेशा ऋषि-मुनियों तपस्वी जनों को आकर्षित करता रहा है। राजा दक्ष की नगरी कनखल माता सती और उनकी बहनों की जन्म स्थली रही है। राजा दक्ष की पुत्री सती का शिव से विवाह हुआ और उनकी बहनों का विवाह चंद्रमा से हुआ। सती के यज्ञ विध्वंस के कारण यह नगरी शिव की पूजा स्थली बनी और शिव यहां पर सावन के महीने में वास करते हैं।
भगवान कृष्ण की लीलाओं का वर्णन करते हुए कथा व्यास ने कहा कि कल बुधवार को भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव का आयोजन भव्य तरीके से किया जाएगा और भगवान कृष्ण अवतार लेंगे । जो भगवान विष्णु के राम के बाद दूसरे अवतार हैं । आज की कथा का समापन मुख्य यजमान श्रीमती दीपा पंत भट्ट और मोहन चंद्र भट्ट के द्वारा आरती के साथ हुआ।