गगन नामदेव
पुलिस के तमाम जागरूकता अभियान के बाद भी साइबर क्राइम कम होने का नाम नहीं ले रहा है। उत्तराखंड के विभिन्न थाना क्षेत्रों में लगातार शिकायते प्राप्त हो रही है। रुद्रपुर जनपद उधमसिंहनगर निवासी एक व्यक्ति ने साईबर क्राईम पुलिस स्टेशन, कुमायूं परिक्षेत्र को पत्र देकर बताया कि उनको अज्ञात व्यक्ति ने फोन कर स्वयं को एमआर एजेन्सी नोयडा का स्वामी बताया। व्हाट्सएप के माध्यम से विभिन्न प्रकार के बच्चों के खिलौने विक्रय हेतु भेजना बताया गया। उक्त व्यक्ति पर विश्वास करते हुये शिकायतकर्ता द्वारा खिलौने मंगाने हेतु बताये गये बैंक खाते मे कुल 19000/- रुपये भेजा गया। इसके उपरान्त भी शिकायतकर्ता को खिलौने प्राप्त नही हुये। जिससे उन्हे उनके साथ हुयी ठगी का एहसास हुआ। उक्त प्रार्थना पत्र पर साईबर थाना कुमायूं परिक्षेत्र के प्रभारी निरीक्षक ललित मोहन जोशी द्वारा की गयी। प्रकरण में सम्बन्धित बैंक से पत्राचार कर विवरण प्राप्त किया गया तो उक्त खाता गौतमबुद्धनगर, उप्र का होकर एटीएम के माध्यम से निकाली गयी है।
2- जसपुर जनपद उधमसिंह निवासी व्यक्ति ने साईबर क्राईम पुलिस स्टेशन, कुमायूं परिक्षेत्र को बताया कि उनके बैंक खाते से किसी अज्ञात व्यक्ति ने विभिन्न किस्तो में 40000/- रुपए ऑनलाईन ट्रांजेक्शन कर निकाल लिये गये है। उक्त प्रार्थना पत्र पर साईबर थाना कुमायूं परिक्षेत्र के प्रभारी निरीक्षक ललित मोहन जोशी द्वारा की गयी। प्रकरण में शिकायतकर्ता की बैंक स्टेटमेन्ट का अवलोकन करने पर ज्ञात हुआ कि शिकायतकर्ता के बैंक खाते से विभिन्न गेटवे से धनराशि निकाली गई है। सम्बन्धित गेटवे एयरटेल/मोबिक्विक/यश बैंक/रोजरपे से पत्राचार किया गया तो ज्ञात हुआ कि शिकायतकर्ता के खाते से धनराशि तमिलनाडू के बैंक से स्थानान्तरित हुयी है। इसके उपरान्त कोडापे गेमिंग एप से पत्राचार कर विवरण प्राप्त किया गया तो पाया गया ।
3- नेशविला रोड जनपद देहरादून निवासी व्यक्ति द्वारा साईबर क्राईम पुलिस स्टेशन, देहरादून को एक शिकायती प्रार्थना पत्र प्रेषित किया गया, जिसमें उनके द्वारा अवगत कराया गया कि उनके द्वारा अपने फ्लैट किराये पर दिये जाने हेतु विज्ञापन दिया गया था , जिस पर एक अज्ञात व्यक्ति द्वारा उन्हे फोन से सम्पर्क कर स्वंय को भारतीय सेना में बताते हुये क्त फ्लैट को किराये पर लेने हेतु बताया , तथा उक्त फ्लैट का मासिक किराया एडवान्स में देने की बात कहकर शिकायतकर्ता के यूपीआई एप्प पर एक क्यू आर स्कैन कोड भेजा गया जिसे शिकायतकर्ता द्वारा उस पर विश्वास कर स्कैन किया गया तो शिकायतकर्ता के खाते से रुपये 72000/- उक्त अज्ञात व्यक्ति द्वारा क्यू आर कोड स्कैन कराकर धोखाधडी से निकाल लिये गये उक्त प्रार्थना पत्र की जांच उ0नि0 राजीव सेमवाल द्वारा की गयी, जांच उपरान्त प्रकरण में अभियोग पंजीकृत किया गया ।
बच्चों के खिलौने भेजने के नाम पर 19 हजार की धोखाधड़ी



