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बच्चों के भविष्य की नींव को मजबूती प्रदान तथा सही दिशा में शिक्षा ज्ञान अर्जित कर लक्ष्य हासिल करने की उददेश्य की पूर्ति के लिए डीएवी पब्लिक स्कूल, देहरादून में करियर काउंसलिंग सेमिनार आयोजित किया गया। कार्यक्रम में प्रमुख बुद्धिजीवी शिक्षाविदों ने अपने ज्ञान के कौशल से बच्चों के भविष्य का रोडमैप चयन के लिए मार्गदर्शन किया। बच्चों और अभिभावकों ने स्कूल की प्रधानाचार्य शालिनी समाधिया की इस पहल की सराहना की। बच्चों ने अपने पसंदीदा विषय को लेकर खुलकर चर्चा की।

शुक्रवार को डीएवी पब्लिक स्कूल, देहरादून के प्रांगण में पूरे उत्साह के साथ करियर काउंसलिंग सेमिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। कार्यक्रम में आईपीसीसीएफ संस्था के गणमान्य सदस्यों में डॉ. प्रीति, श्रीमती स्वाति कुलकर्णी, श्रीमती पूर्णिमा तथा संजय जी उपस्थित रहे।

आईपीसीसीएफ की ओर से आयोजित इस करियर काउंसलिंग सेमिनार में विशेषज्ञ के रूप में डॉ. प्रीति ने कक्षा 9 के विद्यार्थियों तथा श्रीमती स्वाति कुलकर्णी ने कक्षा दसवीं के विद्यार्थियों का अपने अनुकरणीय एवं बहुमूल्य सरल शब्दों में अत्यंत प्रभावशाली ढंग से मार्गदर्शन किया।
सर्वप्रथम बच्चों को यह बताया कि करियर काउंसलिंग के महत्व पर प्रकाश डाला। विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य के निर्माण में करियर काउंसलिंग के महत्त्व को बड़ी बारीकी से समझाया।

गूगल मैप पर आधारित अनेक प्रश्न पूछकर यह समझाने का प्रयास किया कि करियर काउंसलिंग भी विद्यार्थी के जीवन में गूगल मैप के समान ही कार्य करती है। उन्होंने बच्चों को बताया कि कक्षा दसवीं के बाद अधिकांश विद्यार्थियों के लिए सही संकाय का चुनाव करना एक बहुत बड़ी चुनौती का विषय होता है अतःकक्षा नवीं व दसवीं के विद्यार्थियों को भविष्य में सही करियर के चुनाव के लिए उचित समय पर मानसिक रूप से तैयार रहने की आवश्यकता होती है। तथा इस हेतु बरती जाने वाली सावधानियों व समस्याओं का समाधान प्रस्तुत करते हुए दोनों विशेषज्ञों ने बच्चों को अत्यंत महत्त्वपूर्ण व उपयोगी जानकारी दी। श्रीमती स्वाति कुलकर्णी ने गूगल के सीईओ सुंदर पिछाई के उदाहरण द्वारा बच्चों को प्रेरित करने का प्रयास किया। दोनों ही विशेषज्ञों ने अपने-अपने अनुभवों पर आधारित किस्सों को साझा कर अपनी बात को स्पष्ट किया।

इसी के साथ उन्होंने बच्चों को विभिन्न संकायों के अंतर्गत महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों द्वारा प्रस्तावित किए जाने वाले पाठ्यक्रमों व भविष्य में रोज़गार पर पड़ने वाले उसके प्रभाव के विषय में सविस्तार जानकारी दी। दोनों ही विशेषज्ञों ने इस सेमिनार में भाग लेने के लिए बच्चों व उनके अभिभावकों का धन्यवाद किया तथा साथ ही डीएवी पब्लिक स्कूल की प्रधानाचार्या श्रीमती शालिनी समाधिया के द्वारा इस प्रकार के सेमिनार का विद्यालय में आयोजन किए जाने जैसी लाभकारी पहल की सराहना करते हुए उनके प्रति आभार व्यक्त किया। श्रीमती स्वाति कुलकर्णी ने बच्चों से यह भी कहा कि वे जीवन में जो भी कार्य करें, उसे पूरी शिद्दत के साथ करना आवश्यक है। तभी वे अपने लक्ष्य तक पहुँचने में सक्षम बन सकते हैं। उन्होंने अंग्रेज़ी की एक उक्ति“योर स्किल्स कैन पे योर बिल्स”का भी वर्णन किया। सेमिनार के दौरान उन्होंने बच्चों का सही मार्गदर्शन करने के लिए अपनी संस्था की कार्यप्रणाली के विषय में भी बताया। सभागार में उपस्थित सभी विद्यार्थियों एवं अभिभावकों ने पूरी रुचि एवं जागरूकता के साथ इस सेमिनार में भाग लिया। सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण बात यह रही कि अभिभावकों तथा बच्चों द्वारा जिज्ञासा वश पूछे गए सभी प्रश्नों का विशेषज्ञों द्वारा संतुष्टिकारक उत्तर दिया गया। डीएवी विद्यालय के वरिष्ठ शिक्षकों उज्ज्वल भट्टाचार्य, रोहित शर्मा एवं वाईपी. सिंह ने कार्यक्रम के प्रारंभ में आए हुए अतिथियों का स्वागत किया तोवहीं कार्यक्रम के समापन पर विद्यालय की ओर से श्रीमती कंचन कंडारी एवं गिरीश चंद्र पंत द्वारा इस सेमिनार में सम्मिलित आईपीसीसीएफ संस्था के समस्त सदस्यों व अन्य सभी के प्रति आभार व्यक्त किया गया।