झांसी की रानी लक्ष्मीबाई के परपोते अरुण राव, अमर वीरांगना की वंश परंपरा आज भी जीवित




Listen to this article


न्यूज127
भारत की महान स्वतंत्रता सेनानी और वीरांगना झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की जीवित वंश परंपरा आज भी हमारे बीच मौजूद है। नीले कुर्ते में दिखाई दे रहे यह सम्माननीय व्यक्तित्व श्री अरुण राव जी हैं, जो रानी लक्ष्मीबाई के परपोते हैं।

श्री अरुण राव जी के पिता श्री कृष्ण राव, उनके दादा श्री लक्ष्मण राव और परदादा श्री दामोदर राव थे। इतिहास के पन्नों में दर्ज है कि बालक दामोदर राव को रानी लक्ष्मीबाई ने अपनी पीठ पर बांधकर झांसी के किले से छलांग लगाई थी। वह अद्भुत साहस, मातृत्व और देशभक्ति का ऐसा उदाहरण है, जो सदियों तक प्रेरणा देता रहेगा।

इसी गौरवशाली वंश परंपरा के प्रतिनिधि श्री अरुण राव जी आज भी देशभक्ति और संस्कारों की वह ज्योति जलाए हुए हैं। तस्वीर में उनके साथ उनकी दूसरी और तीसरी पीढ़ी के सदस्य भी मौजूद हैं, जो झांसी की रानी की अमर विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं।

इस ऐतिहासिक परिवार का पैतृक आवास इंदौर (मध्य प्रदेश) में स्थित है। यह वही भूमि है जहाँ झांसी की रानी के वंशज आज भी अपनी विरासत, परंपरा और देशप्रेम की भावना को सजीव रखे हुए हैं।