हरिद्वार-रूड़की विकास प्राधिकरण में अनुशासन और संवेदनशील प्रशासन की नई परिभाषा बने आईएएस अंशुल सिंह




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ढाई वर्ष के कार्यकाल में विकास, पारदर्शिता और जनता के विश्वास के स्थापित किये नये मानक

न्यूज127, हरिद्वार।
हरिद्वार-रूड़की विकास प्राधिकरण (एचआरडीए) में उपाध्यक्ष के रूप में आईएएस अंशुल सिंह ने अपने ढाई वर्ष के कार्यकाल में अनुशासन, कर्तव्यनिष्ठा और संवेदनशील प्रशासन की मिसाल पेश की। उनकी नेतृत्वशैली ने न केवल विभाग की कार्यप्रणाली को सशक्त बनाया, बल्कि जनता के बीच प्रशासन के प्रति भरोसे की नई लहर भी पैदा की।

हाल ही में उनका तबादला जिलाधिकारी अल्मोड़ा के पद पर हुआ है। इस अवसर पर प्राधिकरण सभागार में आयोजित विदाई समारोह में भावनात्मक माहौल देखने को मिला। कर्मचारीगण उनकी दूरदर्शी सोच, सहज व्यवहार और नेतृत्व क्षमता की सराहना करते हुए भावुक हो उठे।

कर्मचारियों ने कहा कि अंशुल सिंह के निर्देशन में एचआरडीए में अनुशासन, पारदर्शिता और जवाबदेही की संस्कृति विकसित हुई। उनके आदेशों के पालन में सदैव उत्साह का संचार रहा, जिससे कार्यप्रणाली में गतिशीलता और जनता के कार्यों में तेजी आई।

“खेलनगरी” के रूप में विकसित हरिद्वार
अंशुल सिंह ने कहा कि हरिद्वार केवल एक तीर्थनगरी नहीं, बल्कि देश-विदेश के श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। उन्होंने कहा कि “हरिद्वार की सुंदरता आध्यात्मिकता और स्वच्छता के साथ-साथ सुव्यवस्थित विकास में निहित है।”
उन्होंने बताया कि लगातार बढ़ती जनसंख्या और यातायात दबाव को देखते हुए पार्किंग, सड़क और शहरी नियोजन के कार्यों पर विशेष ध्यान दिया गया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की परिकल्पना के अनुरूप हरिद्वार को “खेलनगरी” के रूप में विकसित करने के प्रयासों के तहत खेल सुविधाओं के विस्तार और आधारभूत ढांचे को सशक्त किया गया, जिसका लाभ अब जनपद के युवाओं को मिलेगा।

अवैध निर्माणों पर सख्त कार्रवाई
अंशुल सिंह ने कहा कि उनका उद्देश्य सदैव जनता के प्रति जवाबदेही और संवाद पर केंद्रित रहा। उन्होंने स्वीकृत मानचित्रों के अनुरूप निर्माण को प्रोत्साहित किया और अवैध निर्माणों पर सख्त कार्रवाई कर प्राधिकरण की साख को मजबूत बनाया।
राज्य सरकार के निर्देशों पर सुशासन कैंपों का आयोजन कर जनमानस की समस्याओं का त्वरित निस्तारण सुनिश्चित किया गया।

कर्मचारियों की निष्ठा ने दिया प्राधिकरण को नई पहचान
अंशुल सिंह ने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के सहयोग के लिए आभार जताते हुए कहा कि “विभाग की सफलता केवल नेतृत्व से नहीं, बल्कि हर कर्मचारी की निष्ठा और ईमानदारी से तय होती है।” उन्होंने सभी से आग्रह किया कि वे आगे भी उसी समर्पण भाव के साथ जनता के प्रति संवेदनशील रहकर कार्य करें।

“दूरदर्शी सोच के अधिकारी, प्रेरणास्रोत ” — सचिव मनीष सिंह
एचआरडीए के सचिव मनीष सिंह ने कहा कि उपाध्यक्ष पद पर अंशुल सिंह के साथ कार्य करने का अनुभव अत्यंत प्रेरणादायक रहा। उन्होंने कहा कि जनपद के विकास को लेकर उनकी सोच हमेशा दूरदर्शी रही। उनके निर्देशन में आरंभ हुए अनेक विकास कार्यों का प्रतिफल अब जनता को मिल रहा है।

विदाई समारोह में उपस्थित अधिकारी और कर्मचारी भावुक नजर आए। सभी ने एक स्वर में कहा कि अंशुल सिंह का कार्यकाल न केवल उल्लेखनीय रहा, बल्कि प्रशासनिक दक्षता और जनसेवा की दृष्टि से अविस्मरणीय रहा है।