उत्तराखंड के 10 हजार विद्यार्थियों को मिलेगा निःशुल्क कोचिंग योजना का लाभ




Listen to this article

मुख्य सचिव आनंद बर्धन ने दिए कोचिंग की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के निर्देश

देहरादून।
आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में सहायता देने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही निःशुल्क कोचिंग योजना को और प्रभावी बनाने की दिशा में सरकार ने कदम तेज कर दिए हैं। बुधवार को सचिवालय सभागार में मुख्य सचिव आनंद बर्धन की अध्यक्षता में इस योजना की समीक्षा बैठक आयोजित की गई।

बैठक में मुख्य सचिव ने शिक्षा विभाग को स्पष्ट निर्देश दिए कि निःशुल्क कोचिंग योजना की गुणवत्ता से किसी भी प्रकार का समझौता न किया जाए। उन्होंने कहा कि चयन प्रक्रिया पारदर्शी होनी चाहिए और विद्यार्थियों का चयन स्क्रीनिंग टेस्ट के माध्यम से किया जाए। साथ ही प्रतियोगियों की सुविधा के अनुरूप तैयारी का समय निर्धारित किया जाए, ताकि अधिक से अधिक विद्यार्थी इसका लाभ उठा सकें।

मुख्य सचिव ने कहा कि योजना का उद्देश्य केवल खानापूर्ति करना नहीं, बल्कि विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता के लिए वास्तविक रूप से तैयार करना है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि कोचिंग की प्रभावशीलता का मूल्यांकन सुनिश्चित किया जाए और सभी प्रक्रियाएं शीघ्रता से पूर्ण की जाएं।

बैठक के दौरान निदेशक शिक्षा डॉ. मुकुल कुमार सती ने बताया कि इस वर्ष प्रदेश के 10 हजार विद्यार्थियों को विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी हेतु निःशुल्क कोचिंग प्रदान की जाएगी। कक्षा 11 में अध्ययनरत विद्यार्थियों को दो वर्ष की कोचिंग दी जाएगी, जबकि 12वीं उत्तीर्ण विद्यार्थियों को एक वर्ष की कोचिंग का लाभ मिलेगा।

डॉ. सती ने बताया कि कोचिंग आर्ट्स, साइंस एवं कॉमर्स तीनों धाराओं के अनुरूप दी जाएगी और इसमें लगभग सभी प्रकार की प्रतियोगी परीक्षाओं — जैसे कि सिविल सर्विस, बैंकिंग, एसएससी, इंजीनियरिंग, मेडिकल आदि की तैयारी कराई जाएगी।

उन्होंने यह भी जानकारी दी कि विशेष रूप से मेधावी विद्यार्थियों के लिए छह वर्ष की एडवांस कोचिंग की व्यवस्था भी की जाएगी, जिससे वे राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगी परीक्षाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकें।

बैठक में सचिव दिलीप जावलकर, अपर सचिव मनुज गोयल सहित शिक्षा विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।