उत्तराखंड को कर्ज में डूबाने वाला मास्टरमाइंड मृत्युंजय मिश्र की आपराधिक कुंडली




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आरोपी मृत्युंजय मिश्र पर इन पांच गंभीर आरोपों में हुई चार्जशीट
नवीन चौहान
उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के निलंबित कुलसचिव मृत्युंजय मिश्र ने कुर्सी पर बैठकर अपने पद का खूब दुरप्रयोग किया। विश्वविद्यालय में फर्जी बिल प्रस्तुत किए और अपने चहेतों की कंपनियों को बिना टेंडर के ही करोड़ों के काम दिए। उनके फर्जी एकांउट खोलकर अपनी जेब भरी। लेकिन जीरो टालरेंस की मुहिम को लेकर चल रही उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सरकार ने एक बड़े भ्रष्टाचारी की जांच कराई तो धोखाधड़ी के इस खेल से परदा उठा। हालांकि इस प्रकरण में अभी विवेचना जारी है। लेकिन उत्तराखंड में ऐसे कई मगरमच्छ है, जिन्होंने इस राज्य को कर्ज में डूबाने का कार्य किया। लेकिन उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सरकार ऐसे सभी सफेदपोश भ्रष्टाचारियों को जल्द ही बेनकाव करेंगी और उनके असली ठिकाने सलाखों के पीछे भेजने का कार्य करेंगी।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कुर्सी संभालने के बाद से जीरो टालरेंस की मुहिम शुरू की। जिसका असर कुछ जिम्मेदार अफसरों में दिखाई भी दिया। तमाम विभागों में अधिकारी बेहतर कार्य कर रहे है। लेकिन पुराने भ्रष्टाचारियों पर नकेल कसना अपने आप में बड़ी बात है। इसी का जीता जागता उदाहरण उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के निलंबित कुलसचिव मृत्युंजय मिश्र है। एक दौर था कि मृत्युंजय मिश्र की तूती बोलती थी। वह जो चाहे वो करें उसकी मर्जी की तर्ज पर कार्य करता था। मृत्युंजय मिश्र ने एक सरकारी विश्वविद्यालय को पूरी तरह से भ्रष्टाचार की जद में ले लिया। सरकार और शासन में अपनी मजबूत रखने वाले मृत्युंजन मिश्र का बाल बांका नही हुआ। लेकिन त्रिवेंद्र सरकार ने आरोपी मत्युंजय मिश्र की फाइल खुलवाई तो भ्रष्टाचार की पूरी कहानी निकलकर सामने आ गई।
मृत्युंजय मिश्र के पांच बड़े भ्रष्टाचार
-1- आरोपी मृत्युंजय मिश्र ने टीए-डीए के फर्जी बिल प्रस्तुत कर भुगतान हासिल किया।
-2- आरोपी मृत्युंजय मिश्र ने शिल्पा त्यागी की अमेगा आटोमेशन कंपनी और नूतन रावत की क्रियेटिव बर्ल्ड सोलूशन और राफी इंफोटेक कंपनी को अनियमित तरीके से लाभ पहुंचाया गया। बिना टेंडर के ही डेढ़ करोड़ का कार्य दिया और भुगतान कर दिया।
-3-मास्टरमाइंड मृत्युंजय मिश्र ने शिल्पा त्यागी, नूतन रावत और ड्राइवर अवतार सिंह के नाम से फर्जी डाक्यूमेंट के आधार पर बैंक एकाउंट खोलकर करीब साढ़े 12 करोड़ की धोखाधड़ी की गई है।
-4-दिल्ली में अपना रसूक जमाने के लिए एडिशनल के नाम से एक फर्जी आईकार्ड बनाया और रौब गालिब किया गया। फर्जी आईकार्ड को बरामद कर लिया गया है।
-5-आरोपी मृत्युंजय मिश्रा ने उपनल के माध्यम से अपने भाई धनन्जय मिश्रा की पत्नी आरती मिश्रा को विश्वविद्यालय में कैंप सहायक की नौकरी दे दी। जिसके बाद करीब चार लाख का फर्जीबाड़ा किया गया।