जिला पंचायत उपाध्यक्ष पद से निलंबित किए राव आफाक, अध्यक्ष पद पर रहते हुए की अनियमितता




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जोगेंद्र मावी
हरिद्वार जिला पंचायत में शासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए उपाध्यक्ष पद से राव आफाक को निलंबित कर दिया है। उन पर कार्यवाहक जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर रहते हुए वित्तीय और प्रशासनिक अनियमितता बरतने के आरोप है। हालांकि राव आफाक की जिला पंचायत सदस्य बरकरार है। उनका कहना है कि शासन ने भाजपा की राज्य सरकार की शह पर एक पक्षीय द्वेषपूर्ण कार्रवाई की है, इस कार्रवाई को लेकर हाईकोर्ट की शरण में जाएंगे।
हरिद्वार जिला पंचायत में शह मात का खेल लगातार जारी है। जिला पंचायत के चुनाव में सविता चौधरी ने निर्विरोध जीत दर्ज की थी। सभी प्रक्रिया पूरी होने के बाद 18 मई-2016 को सविता चौधरी ने पदभार ग्रहण किया। कांग्रेस की सरकार में उनका कार्यभार ठीक चला, लेकिन फरवरी-2017 में भाजपा की सरकार बन गई और उसके कुछ ही महीने बाद दुकान आवंटित प्रक्रिया की जांच बैठा दी। दुकानों के आवंटन में अनियमितता पाए जाने का मामला पाते हुए 16 अक्तूबर-2019 को ‌सविता चौधरी को बर्खास्त कर दिया था। उनके बाद जिला पंचायत उपाध्यक्ष राव आफाक अली को कार्यवाहक अध्यक्ष बना दिया। उन पर आरोप लगे कि जो पद पदोन्नति से भरा जाना था उस पर दूसरे जनपद से आए एक प्रधान सहायक को चार्ज दे दिया, इसके अलावा एक कर्मचारी को डबल आवास ऋण की संस्तुति की। जिसे शासन ने गंभीर माना और मामले की जांच जिलाधिकारी सी रविशंकर से कराई। इस मामले में पंचायती राज सचिव हरिचंद्र सेमवाल ने अंतिम जांच होने तक राव आफाक को उपाध्यक्ष पद से निलंबित कर दिया है। हालांकि उनकी जिला पंचायत सदस्यता बरकरार रहेगी। वहीं, राव आफाक अली ने शासन के निर्णय को हाईकोर्ट में चुनौती देने की बात कही है।