पुलिस मुखिया ने किया सस्पेंड तो कप्तान ने किया तबादला, पुलिस महकमे की खबर




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नवीन चौहान
पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने मुकदमे में लापरवाही बरतने पर जनपद देहरादून में तैनात उपनिरीक्षक सनोज कुमार को तत्काल प्रभाव से निलम्बित ​कर दिया। पीड़ित की शिकायत मिलने पर पुलिस महानिदेशक ने मामले का संज्ञान लिया था। वही हरिद्वार एसएसपी डॉ योगेंद्र सिंह रावत ने जनपद की कानून व्यवस्था को बेहतर बनाने की कवायद के चलते तीन दारोगाओं के कार्यक्षेत्र में फेरबदल किया है। हरिद्वार जनपद के थानों में तैनात उप निरीक्षक बृजपाल को कोतवाली मंगलौर से प्रभारी चौकी नारसन कोतवाली मंगलौर, उप निरीक्षक वीरेंद्र सिंह नेगी को थाना पथरी से चौकी प्रभारी लालढांग थाना श्यामपुर और उप निरीक्षक जयवीर सिंह रावत को चौकी प्रभारी लालढांग थाना श्यामपुर से पुलिस कार्यालय अटैच किया है।
उल्लेखनीय है कि देहरादून निवासी डॉ पीयूष मि
त्तल ने 25 नवम्बर को पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार को शिकायती प्रार्थना पत्र भेजा।बताया कि 04 नवम्बर को शिवाजी धर्मशाला के पास उनके ससुर को दो व्यक्तियों ने तेजी और लापरवाही से स्कूटी से टक्कर मारकर गिरा दिया, जिससे उनकी मृत्यु हो गयी। घटना के संबंध में मुकदमा पंजीकृत कराया गया था। एक दुकान से प्राप्त सीसीटीवी फुटेज भी निकाल कर दी गई। जिसमें पुलिस को अभियुक्तों का फोटो भी मिल गया था। परंतु पुलिस ने अभी तक अभियुक्त को गिरफ्तार नहीं किया है। गंभीर घटना होने पर भी उसका संज्ञान न लेने, अभियोग देर से पंजीकृत करने और कार्यवाही करने में विलम्ब करने पर अशोक कुमार, पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड ने उपनिरीक्षक सनोज कुमार को तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर पुलिस अधीक्षक, नगर से प्रकारण की निष्पक्ष जांच कराने हेतु वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, देहरादून को निर्देशित किया गया।
पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा कि अपराध के घटित होने पर पीड़ित व्यक्ति पुलिस थाने पर पुलिस से वैधानिक कार्यवाही हेतु अनुरोध करता है। पीड़ित को रिलीफ मिले इसके लिए पुलिस द्वारा विधि अनुसार तत्काल थाने पर प्राथमिकी दर्ज कर पीड़ित व्यक्ति को वैधानिक सहायता उपलब्ध कराते हुए अपराधियों के विरुद्ध तत्परता से शीघ्र कार्यवाही की जानी चाहिए। जिससे पीड़ित का पुलिस पर विश्वास बना रहे और आम जनमानस में पुलिस की सकारात्मक छवि बने। समय-समय पर पुलिस मुख्यालय से इस सम्बन्ध में दिशा-निर्देश जारी होते रहते हैं, इसके बावजूद भी एक ऐसा दृष्टांत सामने आया है जो अत्यन्त आपत्तिजनक और बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं है। जो भी पुलिसकर्मी ड्यूटी में ढिलाई बरतेगा उसे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।