— ईश्वर अपने सच्चे भक्तों की हर परिस्थिति में करते हैं रक्षा, गोवर्धन पूजा प्रकृति, गौ सेवा और संतुलन का प्रतीक : महंत रवींद्र पुरी जी महाराज
हरिद्वार।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष एवं मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी जी महाराज ने गोवर्धन पूजा के पावन अवसर पर देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि यह पर्व भगवान श्रीकृष्ण की महान लीला और ब्रजवासियों की भक्ति, श्रद्धा एवं एकता का प्रतीक है।
उन्होंने कहा कि दीपावली के अगले दिन मनाया जाने वाला गोवर्धन पूजा पर्व उस दिव्य प्रसंग की स्मृति से जुड़ा है जब भगवान श्रीकृष्ण ने इंद्रदेव के अहंकार को शांत करने और ब्रजवासियों की रक्षा के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी कनिष्ठा उंगली पर उठाया था। इस लीला के माध्यम से भगवान ने यह संदेश दिया कि “ईश्वर सदैव अपने सच्चे भक्तों की हर संकट में रक्षा करते हैं।”

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष एवं मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी जी महाराज ने बताया कि इसी पावन स्मृति में हर वर्ष देशभर में गोवर्धन पूजा बड़े हर्षोल्लास और श्रद्धा के साथ मनाई जाती है। भक्तजन इस दिन गोबर, मिट्टी या आटे से गोवर्धन पर्वत का प्रतीक बनाकर उसे फूलों, दीपों और मिठाइयों से सजाते हैं। खीर, पूड़ी, चावल, सब्ज़ियाँ और विविध व्यंजन बनाकर ‘अन्नकूट भोग’ के रूप में भगवान श्रीकृष्ण को अर्पित किए जाते हैं, तत्पश्चात सामूहिक प्रसाद वितरण किया जाता है।
ग्रामीण अंचलों में इस दिन गायों की विशेष पूजा होती है क्योंकि गौ माता भगवान श्रीकृष्ण के जीवन और गोवर्धन लीला का अभिन्न अंग हैं। इस अवसर पर महंत रवींद्र पुरी जी महाराज ने कहा कि गोवर्धन पूजा केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि यह प्रकृति, पशु और मानव के बीच संतुलन बनाए रखने का आध्यात्मिक संदेश भी देता है।
उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने अपने कर्म, निष्ठा और विनम्रता से यह सिखाया कि जीवन में अहंकार का कोई स्थान नहीं होना चाहिए। सच्ची भक्ति वही है, जिसमें सेवा, संतुलन और श्रद्धा का समावेश हो।
महंत रविंद्र पुरी जी महाराज ने आगे कहा कि इस पर्व का एक महत्वपूर्ण पक्ष पर्यावरण संरक्षण और गौ-सेवा है, जो सृष्टि के स्थायित्व और समृद्धि की आधारशिला है। उन्होंने सभी भक्तों से आह्वान किया कि इस दिन प्रकृति और गौ-वंश की सेवा के माध्यम से सच्ची गोवर्धन पूजा करें।
अंत में महंत रवींद्र पुरी जी महाराज ने कामना की —
“जैसे गोवर्धन पर्व के नीचे भगवान श्रीकृष्ण की कृपा से ब्रजवासी सुरक्षित रहे, वैसे ही आपके परिवार पर सदा ईश्वर की असीम कृपा बनी रहे। अन्नकूट का यह पर्व आपके जीवन में खुशियों, समृद्धि और मंगल का प्रकाश लेकर आए।”
उन्होंने सभी को गोवर्धन पूजा की हार्दिक शुभकामनाएँ देते हुए कहा —
“जय श्रीकृष्ण! जय गोवर्धन महाराज! मां भगवती मनसा देवी का आशीर्वाद आप सभी पर सदा बना रहे। हर हर महादेव!”