लॉक डाउन से व्यापारी परेशान, जनता के फटे कच्छे और बनियान




Listen to this article

दीपक प्रसाद
कोरोना संक्रमण के चलते लॉक डाउन से देशभर का व्यापारी जगत परेशान है। वही जनता के भी हाल बुरे है। जनता को डेली नीड की जरूरत का सामान तक नही मिल पा रहा है। अगर हरिद्वार की बात करें तो यहां ग्राह​कों के कच्छे बनियान तक फट चुके है। हालांकि 19 दिनों से हरिद्वार जनपद में कोरोना संक्रमित किसी मरीज की पुष्टि नही हुई है। लेकिन फिर भी खतरे के बादल पूरी तरह से साफ नहीं हुए है। वही लॉक डाउन के चलते करीब डेढ़ माह से घरों में बैठे दुकानदारों का सब्र भी टूटने लगा है। दुकानदारों को अपना कारोबार पूरी तरह से ठप्प होने से आर्थिक संकट की चिंता भी सताने लगी है। दुकानदारों को अपने कर्मचारियों के वेतन देने के लिए बैंकों से ऋण लेना पड़ रहा है। ऐसे में कारोबारी दोहरे संकट के दौर से गुजर रहे है। कारोबार चौपट और मुसीबत के वक्त में बैंक ऋण बढ़ रहा है। इसी कशमकश में उलझे कुछ दुकानदारों ने अपने प्रतिष्ठान खोल दिए। जिसके बाद वह कानूनी उलझनों में पूरी तरह से फंस चुके है। वही केंद्र और राज्य सरकार की दुकानदारों के प्रति उदासीनता भी परेशानी का सबब बनी हुई है। सरकार की ओर से किसी प्रकार के राहत की कोई घोषणा नही की गई है। ऐसे में व्यापारियों का परेशान होना लाजिमी है।

फोटो प्रतीकात्मक

22 मार्च को पूरे देश में कोरोना संक्रमण के चलते लॉक डाउन घोषित किया गया था। जिसके बाद से देश में लॉक डाउन जारी है। लॉक डाउन में सभी लोगों को घरों में रहने के निर्देश दिए गए थे और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को बंद कर दिया गया था। जिसके बाद से देशभर में सभी व्यवसायिक गतिविधियां बंद है। हालांकि गृह मंत्रालय के निर्देशों के बाद आवश्यक जरूरी सामान की दुकानों को खोलने की छूट दी गई है। ऐसे में अगर ​हरिद्वार की बात करें तो यहां पर दो तरह से कारोबार है। एक स्थानीय और दूसरा पर्यटकों पर आधारित है। पर्यटकों पर निर्भर रहने वाले दुकानदार तो अपने कारोबार को काफी लंबे अरसे तक बंद रहने का मन बना चुके है। उनको पर्यटकों के आने की कोई उम्मीद नजर नही आ रही है। ऐसे में उनकी अर्थव्यवस्था और आर्थिक स्थिति का अंदाजा आप खुद ही सहजता से लगा सकते है। वही दूसरी ओर स्थानीय लोगों से जुड़े दुकानदारों की बात करें तो वह पूरी तरह से टूट चुके है। दुकानों के बंद रहने के ​कारण और कर्मचारियों का वेतन देने से उनकी आर्थिकी भी डगमगा गई है। हद तो तब हो गई जब दुकानदार चोरी छिपे दुकान खोलकर ग्राहकों को सामान दे रहे है। वही दूसरी ओर ग्राहकों की अपनी जरूरत भी बनी हुई है। अंडरगारमेंटस जैसी डेली नीड के सामान के लिए भी ग्राहकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में व्यापारियों की मुसीबते दिनों दिन बढ़ती जा रही है। वही कोरोना के संक्रमण को रोकनेे के लिए लॉक डाउन भी बेहद जरूरी है। इस स्थिति में देश किस हालातों से गुजरेगा ये ​चिंताजनक बना हुआ है।