नवीन चौहान.
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने सचिवालय में विद्यालयी शिक्षा विभाग की समीक्षा करते हुए लीक से हटकर काम करने के निर्देश दिये। सिस्टम में जो ठीक नहीं है, उसे सुधारें। जरूरी होने पर नियमों में संशोधन किये जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वित्तीय वर्ष में जिला योजना में सबसे ज्यादा प्राथमिकता स्कूल शिक्षा को देनी है। सभी स्कूलों में पेयजल, शौचालय, बिजली, फर्नीचर व अन्य उपकरण सभी सुविधाएं उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाए। स्कूल स्वच्छ व सुंदर हों। कक्षाएं स्मार्ट हों। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि बच्चों के पास किताबें जरूर हों।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षकों की उपस्थिति के लिये जीपीएस आधारित मोबाईल एप्लीकेशन के प्रयोग की योजना बनाई जाए। जो बच्चे केन्द्र सरकार की योजनाओं में आच्छादित न हो रहे हों उनके लिये राज्य स्तर पर योजनाएं बनाई जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अटल उत्कृष्ट विद्यालयों में मानिटरिंग की जाए कि वहां मानकों के अनुरूप व्यवस्थाएं की जा रही हों। व्यावसायिक शिक्षा पर भी ध्यान दिये जाने की आवश्यकता है।
बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूङी, सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, सौजन्या, महानिदेशक शिक्षा
विनयशंकर पाण्डेय, अपर सचिव रवनीत चीमा व विद्यालयी शिक्षा विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
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