हरिद्वार। देवसंस्कृति विश्वविद्यालय एवं गायत्री विद्यापीठ शांतिकुंज में उल्लास के साथ भारतरत्न व पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन काजन्मदिन-शिक्षक दिवस मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ कुलाधिपति द्वारा दीप प्रज्वलन व पुष्पांजलि अर्पण के साथ हुआ। इसअवसर पर डॉ. राधाकृष्णन एवं गुरुओं को समर्पित विभिन्न समूह नृत्य व लघुनाटिका प्रस्तुत किये गये।
देसंविवि के मृत्युंजय सभागार में आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कुलाधिपति डॉ. प्रणव पण्ड्या ने भारतरत्न डॉ.राधाकृष्णन के व्यक्तित्व व कर्तृत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला। साथ ही उन्होंने स्वामी रामकृष्ण परमहंस, स्वामी विवेकानंद, दयानंदसरस्वती, पं. श्रीराम शर्मा आचार्य, भारतरत्न डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम सहित अनेक महापुरुषों के गुरुतर दायित्वों के कुशलता पूर्वकनिर्वहन की जानकारी दी। कहा कि इनके जैसे दायित्वों के पालन से ही युवा शक्ति का जागरण संभव है। उन्होंने कहा कि शिक्षक किसी राष्ट्रका वास्तविक धरोहर है। उनके दिखाये मार्ग से ही राष्ट्र की दिशाधारा तय होती है।
समापन से पूर्व कुलपति श्री शरद पारधी, प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पण्ड्या, कुलसचिव श्री संदीप कुमार को कुलाधिपति डॉ.पण्ड्या ने विशेष रूप से सम्मानित किया। उधर गायत्री विद्यापीठ शांतिकुंज में शिक्षक दिवस पर सीनियर विद्यार्थी शिक्षकों की भूमिका में नजर आये। उन्होंने अपनेजूनियर बच्चों के साथ अपने अनुभव बाँटे। विद्यापीठ में सांस्कृतिक कार्यक्रम के माध्यम से विद्यार्थियों ने शिक्षक की महान परंपरा को यादकिया। इनमें डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के व्यक्तित्व एवं कर्तृत्वों को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया गया। व्यवस्था मण्डल की प्रमुखश्रीमती शेफाली पण्ड्या, प्रधानाचार्य प्रो.एस.एन. मिश्रा सहित शिक्षकगण मौजूद रहे।