GST: एचएसएन समरी अलग-अलग मांगने का कोई औचित्य नहीं: लोकेश अग्रवाल




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न्यूज 127.
उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल उत्तर प्रदेश पंजीकृत के अध्यक्ष लोकेश कुमार अग्रवाल के नेतृत्व में व्यापारियों का एक प्रतिनिधिमंडल स्थानीय वाणिज्य कार्यालय में जीएसटी कमिश्नर से मिला।
जीएसटी कमिश्नर को वित्त मंत्री के नाम सौंपे ज्ञापन में व्यापार मंडल ने आठ प्रमुख मांगे उठाईं है।

लोकेश अग्रवाल ने ज्ञापन में मांग की है कि जी.एस.टी.आर.-1 फाइल करते समय बी 2 बी व बी 2 सी के लिए एच.एस.एन. समरी अलग-अलग मांगी जा रही है, जिसका कोई औचित्य नहीं है। सिर्फ व्यापारियों के उत्पीड़न के लिए एच.एस.एन. समरी अलग-अलग मांगी जा रही है, जिस पर रोक लगाई जानी अत्यन्त आवश्यक है।

उन्होंने कहा कि सेन्ट्रल जी.एस.टी. कार्यालय द्वारा 2019-20, 2020-21, 2021-22, 2022-23 एवं 2023-24 तके 5 वर्षों की सूचनाएं व कागजात 15 दिन का समय देकर मांगे जा रहे हैं तथा फिजिकल ऑडिट के लिए टीम बनाकर व्यापारी के कार्यस्थल पर भेजी जा रही है, जबकि अधिकांश के निर्धारण पूर्व में हो चुके हैं। बार-बार नोटिस व ऑडिट किये जाने से व्यापारी उत्पीडन व भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता है, जिस पर रोक लगाई जानी अत्यन्त आवश्यक है।

लोकेश अग्रवाल ने कहा कि जी.एस.टी. रजिस्ट्रेशन सरेण्डर करने की दशा में जी.एस.टी.आर-10 अपलोड़ किये जाने के बाद भी व्यापारी को कार्यालय में बुलाने के लिए जी.एस.टी.आर.-10 फाइल करने के नोटिस भेजे जा रहे हैं, जिस पर रोक लगाई जानी अत्यन्त आवश्यक है। सचिन दस्तों के उत्पीड़न की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि सचन दस्तों के द्वारा पूरा टैक्स जमा होने के बाद भी तकनीकी आधार पर (मानवीय भूलों) अनावश्यक कमियां निकालकर जुर्माना जमा कराया जा रहा है, जिसकी आड़ में भारी भ्रष्टाचार पनप रहा है। सचल दस्तो का काम कर अपवंचना को रोकना है। जहां पूरा कर जमा है तकनीकी कमी अथवा मानवीय भूलों के आधार पर गाड़ी रोककर जुर्माना लगाये जाने पर रोक लगायी जाये।

व्यापार मंडल ने ज्ञापन में मांग की है कि जी.एस.टी. अधिनियम में 40 लाख रूपये तक का व्यापार करने वाले व्यापारियों को रजिस्ट्रेशन से छूट प्राप्त है, परन्तु विभागीय अधिकारी टारगेट पूरा करने के लिए कम टर्नओवर वाले व्यापारियों का भी उत्पीड़न कर रजिस्ट्रेशन प्राप्त करने के लिए बाध्य कर रहे हैं। 40 लाख से कम कारोबार करने वाले व्यापारियों के जी.एस.टी. रजिस्ट्रेशन के लिए बाध्य करने पर रोक लगायी जाये। उन्होंने जी.एस.टी. स्लैब अधिक होने से कारोबार करने में कठिनाई आती है। जी.एस.टी. की दरों के स्लैब कम किये जायें। अधिकतम जी.एस.टी. स्लैब 18 प्रतिशत से अधिक न रखे जायें।

उन्होंने कहा कि एस.आई.बी. जॉच व सर्वे के समय व्यापारी को भारी धनराशि कर के रूप में जमा करने के लिए बाध्य किया जाता है। जांच का निर्णय पूर्ण होने से पहले किसी प्रकार का कर जमा कराया जाना गलत है, जिसके लिए मा0 उच्च न्यायालय व मा0 उच्चतम न्यायालय द्वारा भी समय-समय पर आदेश पारित किये गये हैं, परन्तु जी.एस.टी. अधिकारियों द्वारा जॉच व सर्वे के समय दवाब बनाकर कर के रूप में धन जमा कराना पूर्णतयः गलत है। जांच के समय किसी भी प्रकार के कर के रूप में धन जमा कराये जाने पर रोक लगायी जाए।

व्यापारियों को भेजे जा रहे नोटिस के उत्पीड़न की चर्चा करते हुए लोकेश अग्रवाल ने वित्त मंत्री से मांग की है कि विभिन्न प्रकार से नोटिस भेजकर व्यापारियों को कार्यालय में बुलाया जा रहा है। बिना किसी विशेष कारण के व्यापारी को कार्यालय में बुलाने पर रोक लगाई जाए। ज्ञापन देने वालों में अतुल्य गुप्ता पवन कुमार गर्ग, इसरार सिद्दीकी, गौरव गोयल, शोभित भारद्वाज, सरफराज, दिलशाद मवाना, पंकज गोयल, फरागत राना, आफताब अहमद, निशांक अग्रवाल नितिन रस्तोगी ईंचोली, सुनील गुप्ता मलियाना, अतुल कुमार वर्मा, राहुल राजा खान, साजिद, फैज मोहम्मद ब्रह्मपाल, आकाश, मनीष आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।