गुरूकुल प्रकरण में विधायक आदेश चौहान की एंट्री, बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट से आस




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हरिद्वार
गुरूकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय में आर्य प्रतिनिधि सभाओं की ओर से की गई कुलपति की नियुक्ति और रजिस्ट्रार सुनील कुमार को ​हटाने को लेकर कर्मचारी संगठन आंदोलनरत है। करीब 15 दिनों से चल रहे कर्मचारियों के आंदोलन को खत्म कराने के लिए रानीपुर विधायक आदेश चौहान गुरूवार पहुंचे। उन्होंने धरना स्थल पर कर्मचारियों से वार्ता की और उसके बाद कुलपति प्रो. प्रभात सेंगर से आंदोलन को लेकर तमाम जानकारी ली। जिसके बाद दोनों पक्षों की ओर से चार—चार लोगों के साथ बंद करने में सुलह का प्रयास किया गया। हालांकि, विधायक आदेश चौहान के सभी प्रयासों के बावजूद यह समझौता वार्ता बेनतीजा रही।
रानीपुर विधायक आदेश चौहान की मध्यस्थता में सीनेट हॉल अतिथि गृह के कक्ष में आयोजित बैठक में कुलपति प्रो प्रभात रेंगर के पक्ष की ओर से प्रोफेसर ब्रहमदेव, प्रो नमिता जोशी, प्रो विवेक गुप्ता और राजकुमार भाटी जबकि कर्मचारी संगठन की तरफ से रजनीश भारद्वाज, श्रवण कुमार, शशिकांत और नरेंद्र मलिक बातचीत करने पहुंचे। करीब दो घंटे तक हुई यह बातचीत बिना किसी नतीजे के खत्म हो गई। लेकिन रानीपुर विधायक चौहान ने कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए आर्य प्रतिनिधि सभाओं से वार्ता करने को आश्वस्त किया। उन्होंने कर्मचारियों के हितों की रक्षा का भरोसा दिलाया है। इसी के साथ सांकेतिक धरने को शांतिपूर्ण तरीके से करने की अपील की।
विधायक आदेश चौहान ने सभी पक्षों से संयम और संवाद बनाए रखने की अपील करते हुए कहा कि “गुरूकुल की गरिमा को बनाए रखना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है। उम्मीद है कि बोर्ड बैठक के बाद स्थितियों में सुधार होगा।”
कुलपति प्रो. प्रभात सेंगर ने कहा कि “कर्मचारी हमारे सहयोगी हैं, उनकी नाराजगी को दूर करने के लिए संवाद का मार्ग अपनाया जा रहा है। कुछ विषयों पर मतभेद हैं, लेकिन उन्हें बातचीत से सुलझाया जाएगा।”
रजिस्ट्रार सुनील कुमार ने स्पष्ट किया कि “स्वामी श्रद्धानंद की तपस्थली गुरूकुल कांगड़ी का हित सर्वोपरि है। मैंने रजिस्ट्रार पद पर रहते हुए संस्था हित में ही कार्य किया है। न तो कोई व्यक्तिगत स्वार्थ रहा और न ही किसी दबाव में निर्णय लिए। गुरूकुल के समस्त कर्मचारी एक परिवार हैं, जिनके हितों की रक्षा करना हमारी जिम्मेदारी है।” इस बीच, गुरूकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय के बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट की महत्वपूर्ण बैठक 25 जुलाई को दिल्ली में आयोजित की जाएगी, जिसमें रेगुलेशन 2023 सहित अन्य प्रशासनिक मामलों पर चर्चा की जाएगी। यह बैठक विश्वविद्यालय के भविष्य और कर्मचारियों की मांगों के समाधान की दिशा में अहम मानी जा रही है। हालांकि, बोर्ड आफ मैनेजमेंट की मीटिंग में कर्मचारी संगठनों के हितों को ध्यान में रखते हुए कुछ अच्छा होने की उम्मीद जगी है।