मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर अग्निवीर भर्ती से पूर्व निशुल्क प्रशिक्षण की शुरुआत




Listen to this article


खेल एवं युवा कल्याण विभाग ने तैयार की एसओपी, 13 जिलों में जल्द होगा प्रशिक्षण प्रारंभ
हरिद्वार
उत्तराखंड के युवाओं को सेना में करियर बनाने के लिए अब सरकार की ओर से निशुल्क प्रशिक्षण मिलेगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर खेल एवं युवा कल्याण विभाग ने अग्निवीर भर्ती पूर्व प्रशिक्षण की प्रक्रिया को अंतिम रूप दे दिया है। विभाग ने इसके लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार कर ली है। जल्द ही राज्य के 13 जिलों में प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रारंभ कर दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कुछ दिन पहले विभाग को निर्देश दिए थे कि उत्तराखंड की गौरवशाली सैन्य परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए युवाओं को भर्ती पूर्व तैयारी का अवसर दिया जाए। उन्होंने कहा कि इस पहल से राज्य के युवा सेना में अपनी प्रतिभा और समर्पण का परिचय देकर देश की सेवा में अग्रणी भूमिका निभाएंगे।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड की शानदार सैन्य परंपरा रही है। यहां लगभग हर परिवार से कोई न कोई सदस्य सेना में सेवा दे चुका है। सरकार चाहती है कि हमारे युवा ‘अग्निवीर’ योजना के माध्यम से सेना में शामिल होकर देश की सेवा करें। इसीलिए भर्ती पूर्व निशुल्क प्रशिक्षण शुरू किया जा रहा है। साथ ही राज्य सरकार ने सेवाकाल पूर्ण होने के बाद अग्निवीरों को प्रदेश की सरकारी नौकरियों में आरक्षण देने का भी निर्णय लिया है।

ये प्रमुख
योग्यता – प्रशिक्षण के लिए इच्छुक युवक-युवतियां उत्तराखंड के मूल निवासी हों या राज्य में किसी संस्थान में अध्ययनरत/सेवारत हों।
शैक्षिक पात्रता – हाईस्कूल परीक्षा में कम से कम 45% अंक और प्रत्येक विषय में 33% से अधिक अंक होना आवश्यक।
आयु सीमा – अभ्यर्थी की आयु 16 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।
पंजीकरण प्रक्रिया – इच्छुक युवक-युवतियों को जिला खेल कार्यालय या जिला युवा कल्याण अधिकारी कार्यालय में पंजीकरण कराना अनिवार्य।
स्वास्थ्य प्रमाणपत्र – चिकित्सक द्वारा प्रदत्त स्वास्थ्य संबंधी प्रमाणपत्र जमा करना होगा।
खेल किट अनिवार्यता – प्रशिक्षण के दौरान अभ्यर्थियों को टी-शर्ट, नेकर, स्पोर्ट्स शूज और मौजे सहित वेशभूषा में उपस्थित होना आवश्यक।
टैटू व निशान निषेध – छात्र/छात्रा के शरीर पर कोई टैटू या अप्राकृतिक स्थायी निशान नहीं होना चाहिए।
प्रशिक्षण स्थल – प्रशिक्षण केवल विभागीय प्रशिक्षक द्वारा खेल स्टेडियम या खेल मैदान में ही दिया जाएगा।