आरएसएस शताब्दी वर्ष: आरएसएस की सेवा की विरासत पर हम सभी को गर्व: विजेन्द्र गुप्ता




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न्यूज127, नई दिल्ली।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 100 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में गुरुवार को राजधानी दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र (आईजीएनसीए) के समवेत सभागार में हिन्दुस्थान समाचार बहुभाषी न्यूज़ एजेंसी द्वारा “सामाजिक–सांस्कृतिक चेतना और संघ” विषयक भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में समाज, संस्कृति और राष्ट्र निर्माण के क्षेत्र में संघ के योगदान पर व्यापक चर्चा की गई।

संघ की सेवा की विरासत पर हम सभी को गर्व – विजेन्द्र गुप्ता

दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष विजेन्द्र गुप्ता ने मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने बीते 100 वर्षों में त्याग, तपस्या, अनुशासन और समर्पण के साथ समाज और राष्ट्र के उत्थान की दिशा में निरंतर कार्य किया है। उन्होंने कहा कि “संघ की यात्रा सेवा के कठिन मार्ग पर चलकर आगे बढ़ी है। हमें इसकी इस अद्भुत सेवा-परंपरा पर गर्व होना चाहिए।”

गुप्ता ने इस अवसर पर समाज परिवर्तन के लिए संघ द्वारा प्रस्तुत ‘पंच परिवर्तन’—स्वदेशी अपनाना, नागरिक कर्तव्यों का पालन, पर्यावरण–जल संरक्षण, सामाजिक समरसता और कुटुंब प्रबोधन—को जीवन में धारण करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि भारतीय समाज की सबसे बड़ी शक्ति परिवार है और बच्चों को पाश्चात्य प्रभावों से बचाकर भारतीय मूल्य–संस्कृति से जोड़ना समय की मांग है।

डॉ. हेडगेवार के माध्यम से संघ का अवतरण हुआ—इंद्रेश कुमार

संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी के वरिष्ठ सदस्य इंद्रेश कुमार ने मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित करते हुए कहा कि “100 वर्ष पूर्व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का धरती पर अवतरण हुआ था और इसके भगीरथ डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार थे।” उन्होंने कहा कि संघ को समझने के लिए उसके कार्यकर्ता, उनके जीवन और कार्यपद्धति को समझना अत्यंत आवश्यक है।

उन्होंने हिन्दुस्थान समाचार की पत्रिकाओं ‘नवोत्थान’ और ‘युगवार्ता’ के विशेषांकों की चर्चा करते हुए कहा कि इनमें संघ की सांस्कृतिक चेतना और 105 वरिष्ठ प्रचारकों के चरित्र एवं तपस्या की गाथा संकलित है।
“हमारे यहां समृद्धि की नहीं, चरित्र की पूजा होती है—यही संघ का दर्शन और कार्यकर्ताओं का जीवन है।” – उन्होंने कहा।

105 समर्पित जीवनों का संकलन समाज के लिए प्रेरणा – रामबहादुर राय

आईजीएनसीए के अध्यक्ष एवं हिन्दुस्थान समाचार के समूह संपादक रामबहादुर राय ने कहा कि संघ को समझने के लिए उन कार्यकर्ताओं के जीवन को जानना आवश्यक है जिन्होंने डॉ. हेडगेवार के साथ समय बिताया और राष्ट्र-निर्माण में अपना जीवन अर्पित कर दिया।
उन्होंने बताया कि युगवार्ता के विशेषांक में ऐसे 105 कार्यकर्ताओं का जीवन-चित्रण संकलित है, जो वर्तमान और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्त्रोत है।

राय ने कहा कि वर्ष 2025 इतिहास में तीन महत्त्वपूर्ण घटनाओं के कारण याद किया जाएगा— संघ की स्थापना के 100 वर्ष, ‘वंदेमातरम्’ के 150 वर्ष और राम मंदिर आंदोलन की पूर्णाहुति। उन्होंने कहा कि साम्यवाद और समाजवाद जैसे आंदोलन समय की धारा में बह गए, पर संघ अपनी निरंतर सेवा और कार्यकर्ताओं के त्याग के कारण आज भी समाज का नेतृत्व कर रहा है।

भारत दुनिया को शांति का मार्ग दिखा सकता है – भरतर्षभ दास

इस्कॉन बेंगलुरु के उपाध्यक्ष भरतर्षभ दास ने कहा कि दुनिया आज वैचारिक संघर्षों के बीच उलझी है और इसे शांति का मार्ग केवल भारत ही दिखा सकता है। उन्होंने कहा कि भारत को वैश्विक मंच पर गलत ढंग से प्रस्तुत किया जा रहा है, इसे सुधारने के लिए नए प्रयासों और वैचारिक शक्ति की आवश्यकता है। “संघ ने पिछले सौ वर्षों में तमाम विरोधों के बावजूद यह कार्य निरंतर किया है।”

हिन्दुस्थान समाचार का 15 भाषाओं में विस्तार

हिन्दुस्थान समाचार समूह के अध्यक्ष अरविंद भालचंद्र मार्डीकर ने स्वागत भाषण देते हुए एजेंसी के इतिहास और विस्तार की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एजेंसी आज 15 भारतीय भाषाओं में समाचार सेवा देती है और अनेक चुनौतियों के बावजूद लगातार आगे बढ़ रही है।

विशेषांक का विमोचन

कार्यक्रम में नवोत्थान के विशेषांक ‘संघ शताब्दी : नए क्षितिज’ तथा युगवार्ता के विशेषांक ‘नींव के पत्थर’ का विमोचन किया गया।
नवोत्थान में संघ की सांस्कृतिक चेतना और शताब्दी दृष्टि पर केंद्रित आलेख हैं, जबकि युगवार्ता में 105 वरिष्ठ प्रचारकों का जीवन-संघर्ष और राष्ट्रकार्य संकलित है।