बच्चों ने खेत में जाकर अपने हाथों से लगायी धान, बोले हमने कर दिखाया




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मेरठ।
स्कूल में बच्चों को पढ़ाया जाता है कि धान की फसल कैसे उगाई जाती है, लेकिन आज कमला देवी सरस्वती शिशु मंदिर के विद्यार्थियों ने स्वयं खेत में जाकर न केवल धान की रोपाई के बारे में जाना बल्कि स्वयं भी पानी से भरे खेत में जाकर स्वयं भी धान की रोपाई की।

बच्चों द्वारा पानी से भरे खेत के अंदर जाकर धान की रोपाई करने का अनुभव रोमांच से भरा रहा। बच्चे इस अनुभव का प्राप्त करके रोमांचित दिखे। बच्चों ने इस दौरान धान में रोपाई करते हुए अपने फोटो भी खिंचवाए।

कमला देवी सरस्वती शिशु मंदिर के विद्यार्थियों के लिए एक ज्ञानवर्धक कार्यशाला का आयोजन मोदीपुरम स्थित बासमती निर्यात विकास प्रतिष्ठान में किया गया। इस दौरान बच्चों को बासमती धान की रोपाई के व्यावहारिक एवं तकनीकी ज्ञान से अवगत कराया गया।

बच्चों द्वारा स्वयं मिट्टी में जाकर बासमती धान की रोपाई का यह अनुभव रोमांच से भरपूर व अविस्मरणीय रहा। बच्चे अत्यंत उत्साहित दिखे और उन्होंने हर गतिविधि में बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया।

बासमती निर्यात विकास प्रतिष्ठान के प्रधान वैज्ञानिक व प्रभारी डॉ रितेश शर्मा ने इस दौरान बच्चों के लिए एक प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता भी रखी। विद्यार्थियों ने बासमती धान और खेती के बारे में विभिन्न तरह के प्रश्न पूछे जिनका बीईडीएफ के प्रधान वैज्ञानिक डॉ रितेश शर्मा एवं वैज्ञानिक अधिकारी डॉ प्रमोद कुमार तोमर ने जवाब देकर उनकी जिज्ञासा शांत की। सभी बच्चों को पुरुष्कृत किया गया।

डॉ रितेश शर्मा ने बताया कि इस तरह के कार्यक्रम से बच्चों को व्यवहारिक ज्ञान प्राप्त होता है। समय समय पर इस तरह के आयोजन यहां किये जाते हैं। कॉलेजों के बच्चों को भी फील्ड विजिट के माध्यम से बासमती धान की खेती के बारे में बताया जाता है। आज कार्यक्रम के दौरान विद्यार्थियों में धान की रोपाई करने के लिए अत्यंत उत्साह देखा गया एवं स्वयं कीचड़ में उतर कर खेत में विद्यार्थियों ने शिक्षकों के साथ धान की रोपाई की।

विद्यार्थियों के शैक्षिक भ्रमण का आयोजन भारत सरकार द्वारा बनाई गई नई शिक्षा नीति के अंतर्गत हमारे देश के नौनिहालों को स्कूल स्तर पर ही प्रयोगात्मक ज्ञान देने के लिए विद्यालय की प्रधानाचार्य गीता देवी और बीईडीएफ के द्वारा किया गया।