नवीन चौहान
गंगा में खजाना मिलते ही लोगों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। हरकी पैड़ी से लेकर जटवाड़ा पुल तक करीब सात किमी तक खजाना ढूंढने के लिए हजारों की संख्या में लोग सपरिवार गंगा में उतरे रहे। खजाना ढूंढने का काम अगले तीन चार दिन तक जारी रहेगा।
15 अक्तूबर की आधी रात से गंगा बंदी हो गई। बंदी होते ही सुबह तड़के तक ही पानी कम हो सका। पानी कम होते ही महीनों से इंतजार कर रहे लोग गंगा में खजाना ढूढने के लिए उतर गए। हरकी पैड़ी से लेकर लोग गंगा में उतर में गए। एक युवक को तो चांदी का मुकुट मिल गया तो कईयों को सोने के तार भी मिले। सिक्कों से उनकी झोली भर गई। गंगा में खजाना ढूंढ रहे लोगों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। बोले कि गंगा जीवन दायिनी ही नहीं, खजाना समेते हुए भी है।
गंगा में मिला खजाना, खुशी का नहीं रहा ठिकाना

