मेरठ।
सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में रविवार को अपर प्रमुख सचिव कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान उत्तर प्रदेश डॉ देवेश चतुर्वेदी ने कैंपस में महाविद्यालय तथा लाइब्रेरी का भ्रमण किया और वहां पर चल रहे शिक्षा शोध एवं प्रसार के कार्यों को देखा। अपर मुख्य सचिव डॉ देवेश चतुर्वेदी ने लाइब्रेरी में छात्रों के लिए दी जा रही सुविधाओं का अवलोकन किया इसके बाद पशु चिकित्सा का भ्रमण किया। उन्होंने पशु चिकित्सा क्लिनिक परिसर के अंतर्गत संचालित पशुओं के लिए उपचार की सुविधाओं का निरीक्षण किया। विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचलित पशु चिकित्सा नैदानिक परिसर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अत्याधुनिक उपकरणों से सुसज्जित एकमात्र सुविधा है जहाँ प्रतिदिन लगभग 30-40 पशुओं का इलाज किया जाता है।
डॉ चतुर्वेदी द्वारा परिषर में संचालित बड़े पशुओं तथा पेट्स के लिए ऑपरेशन थिएटर की सुविधाओं का भी निरिक्षण किया तथा इसे प्रदेश में उपलब्ध अत्याधुनिक सुविधाओं में से एक बताया। परिसर में X-ray, एंडोस्कोपी तथा अल्ट्रासाउंड की भी सुविधाएं उपलब्ध है तथा प्रतिवर्ष हजारों पशुपालक इससे लाभान्वित हो रहे है। महाविविद्यलय द्वारा पशुपालकों के लिए उनके द्वार तक मोबाइल चिकित्सा तथा नैदानिक सुविधाएं इफ्को द्वारा वित्त पोषित परियोजना द्वारा भी संचालित की जा रही है जिसके अंतर्गत अब तक 13000 से भी ज्यादा पशुओं का उपचार किसान के द्वार पर जा कर विश्विद्यालय के विशेषज्ञों द्वारा किया जाता है। डॉ चतुर्वेदी द्वारा पशु चिकित्षा नैदानिक परिसर में पशु पालकों के लिए उपलभ्ध चिकित्सा सेवाओं की सराहना की गयी तथा इन्हे और ज्यादा पशु पलकों तक ले जाने के निर्देश दिए गए।
जैव प्रौद्योगिकी महाविद्यालय में परियोजना के अंतर्गत तैयार की गई प्रयोगशाला को देखा और उसकी प्रगति के बारे में डॉक्टर अमित कुमार ने जानकारी दी। अमर मुख्य सचिव द्वारा एग्रीदीक्षा कक्ष में स्थापित स्मार्ट क्लास सिस्टम को देखा, जिसके अंतर्गत शिक्षण में आधुनिकतम ICT सिस्टम का प्रयोग किया जाता है। कक्ष में स्थापित AR/VR सिस्टम से छात्र अन्य विश्विद्यालय में स्थापित उत्कृष्ट प्रयोगात्मक कार्य का अनुभव ले सकते हैं। कृषि विश्वविद्यालय में विकसित किए गए धान के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस को भी देखा। इसके उपरांत जैव नियंत्रण प्रयोगशाला में जयपुर से तैयार किए जा रहे जैविक कीटनाशकों के बारे में जानकारी हासिल की उसके उपरांत हॉर्टिकल्चर रिसर्च सेंटर पर विभिन्न फसलों के प्रदर्शन का अवलोकन किया तथा ड्रैगन फ्रूट हल्दी और आमची से फसली बागवानी को दिखाया गया।
कुलपति सभा कक्ष में बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफ़ेसर केके सिंह ने अपर प्रमुख सचिव कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान का बुके देकर स्वागत किया। कुलपति ने अपने संबोधन में बताया कि विश्वविद्यालय ने शिक्षा शोध एवं प्रसार के कार्यों को गति प्रदान करने के लिए कई कदम उठाए हैं जिसके कारण विश्वविद्यालय का चौमुखी विकास हो रहा है। कुलपति ने बताया कि आधुनिक शिक्षा प्रणाली को अपनाते हुए स्मार्ट क्लास सिस्टम स्थापित किए गए हैं एवं स्मार्ट क्लास सिस्टम का शिक्षण में समुचित प्रयोग करने हेतु शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। कुलपति ने बताया कि विश्वविद्यालय में छात्र एवं छात्राओं की संख्या लगातार बढ़ रही है जिसके चलते हॉस्टल की कमी हो गई है इसलिए परिसर में और अधिक हॉस्टल बनाने की जरूरत है।
विश्वविद्यालय के रिसर्च फॉर्म पर किए जा रहे अवैध कब्जे को मुक्त कराने हेतु भी आवश्यक दिशा निर्देश दिए जाने हेतु के लिए कुलपति ने भी अनुरोध किया और अपर मुख्य सचिव ने जल्द से जल्द दांतल फार्म हाउस की नपाई कराकर उसे कब्जे से मुक्त कराए जाने का आश्वासन दिया।
विश्वविद्यालय के कुलपति ने टर्मिनल अवकाश नकदीकरण की व्यवस्था विश्वविद्यालय के शिक्षकों एवं कर्मचारियों के लिए नहीं है जबकि उत्तर प्रदेश के पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय मथुरा में यह व्यवस्था उपलब्ध है उक्त व्यवस्था को विश्वविद्यालय में लागू करने हेतु अपर प्रमुख सचिव से आवश्यक कार्रवाई की अपेक्षा की इस संबंध में अपर प्रमुख सचिव द्वारा सकारात्मक कार्यवाही करने हेतु आश्वासन दिया गया। कुलपति द्वारा शिक्षकों को सातवें वेतनमान के 50% एरियर जो शासन स्तर पर लंबित है उसे जारी करने की अपेक्षा की गई इस संबंध में अपर सचिव प्रमुख द्वारा सकारात्मक कार्यवाही का आश्वासन दिया गया।
अपर प्रमुख सचिव द्वारा विश्वविद्यालय को फसलों की नई प्रजातियों को विकसित करने पर विशेष बल देने की योजना एवं परियोजना तैयार करने हेतु कहा गया उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय को सरकार के तीन मिशन मिलेट एफपीओ एवं प्राकृतिक खेती पर कार्य करने की आवश्यकता पर जोर दिया उन्होंने कहा की विश्वविद्यालय को प्राकृतिक खेती के अंतर्गत बागवानी फसलों पर कार्य करने की जरूरत है जिसमें बेहतर परिणाम मिल सकते हैं इसलिए प्राकृतिक खेती पर सब्जियों एवं फल फूल पर शोध किए जाएं जिसके अच्छे परिणाम यदि प्राप्त होते हैं तो उससे किसानों तथा सरकार दोनों को कदम उठाने में सहायता मिलेगी।
अपर सचिव ने सुझाव दिया कि विश्वविद्यालय में रिक्त पदों को अतिशीघ्र विज्ञापित कर निक नियुक्ति प्रक्रिया पूर्ण करते हुए रिक्त पदों को जल्द से जल्द भरा जाए जिससे शिक्षण एवं शोध का कार्य सुचारू रूप से किया जा सके उन्होंने विश्वविद्यालय की आकस्मिकता मद में पैसा बढ़ाने का आश्वासन दिया। उन्होंने जिले के कृषि विभाग के अधिकारियों की भी बैठक ली और उनको आवश्यक सुझाव दिए। इस अवसर पर कुलसचिव डॉ रामजी सिंह, निदेशक शोध डॉ अनिल सिरोही, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट डॉ आर एस सेंगर, निदेशक प्रसार डॉ पी के सिंह, अधिष्ठाता टेक्नोलॉजी डॉक्टर बीआर सिंह, अधिष्ठाता बायोटेक्नोलॉजी प्रोफेसर रविंद्र कुमार, अधिष्ठाता कृषि डॉ विवेक धामा, अधिष्ठाता हॉर्टिकल्चर विजेंद्र सिंह, अधिष्ठाता पशु चिकित्सा महाविद्यालय डॉक्टर राजीव सिंह, विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष डॉक्टर कमल खिलाड़ी, डॉक्टर गोपाल सिंह, डॉक्टर बी सिंह, डॉ एस पी सिंह, डॉ सुनील मलिक, डॉक्टर मुकेश कुमार, जनसंपर्क अधिकारी रितुल सिंह आदि लोग मौजूद रहे। अपर मुख्य सचिव कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान उत्तर प्रदेश डॉ देवेश चतुर्वेदी के विश्वविद्यालय परिसर में आने पर उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया।
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