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उत्तरकाशी जनपद के धराली क्षेत्र में आई भीषण आपदा के बीच राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी हैं। राज्य सरकार ने हालात की गंभीरता को देखते हुए हरसंभव कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद विषम मौसम और दुर्गम परिस्थितियों के बावजूद हेलीकॉप्टर से ग्राउंड ज़ीरो धराली पहुंचे और प्रभावित परिवारों से मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने लोगों को भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार उनके साथ मजबूती से खड़ी है और किसी भी स्तर पर राहत व बचाव कार्यों में कमी नहीं आने दी जाएगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मौके पर मौजूद अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी प्रभावित परिवारों तक समयबद्ध और समुचित सहायता पहुंचाई जाए। उन्होंने कहा कि दो हेलीकॉप्टरों के माध्यम से आवश्यक राहत सामग्री पहले ही क्षेत्र में पहुंचाई जा चुकी है। मुख्यमंत्री के साथ अधिकारियों की एक उच्च स्तरीय टीम ने भी क्षेत्र का निरीक्षण किया और व्यवस्थाओं की समीक्षा की।
प्रधानमंत्री मोदी लगातार ले रहे अपडेट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर बातचीत कर धराली क्षेत्र में राहत और बचाव कार्यों की जानकारी ली। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने उन्हें बताया कि खराब मौसम के बावजूद राज्य की सभी एजेंसियां समन्वय के साथ काम कर रही हैं और प्रभावितों तक त्वरित राहत पहुंचाने के लिए सतत प्रयास कर रही हैं। प्रधानमंत्री ने केंद्र सरकार की ओर से हरसंभव सहायता का भरोसा दिया।
यूकाड़ा के हेलीकॉप्टर निभा रहे अहम भूमिका
धराली क्षेत्र में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन में यूकाडा के हेलीकॉप्टरों की भूमिका अहम रही है। बुधवार को कुल 07 उड़ानें संचालित की गईं। पहली उड़ान में मुख्यमंत्री श्री धामी ग्राउंड जीरो पहुंचे। अन्य उड़ानों में जिलाधिकारी उत्तरकाशी, पुलिस अधीक्षक, जिला प्रशासन की टीमें, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और सेना के जवान मौके पर पहुंचे। सेना के लेफ्टिनेंट कर्नल समेत 10 जवानों का सफल रेस्क्यू किया गया। दो घायल सैनिकों को एम्स ऋषिकेश भेजा गया, जबकि अन्य का इलाज मातली और जिला चिकित्सालय में किया जा रहा है।
अब तक 2 शव बरामद, 15 लोग लापता
आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार, अब तक दो शव बरामद किए जा चुके हैं जबकि लगभग 15 लोगों के लापता होने की सूचना है। राहत और बचाव कार्य लगातार जारी हैं। खराब मौसम और मार्ग अवरुद्ध होने के कारण रेस्क्यू टीमों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन BRO और PWD द्वारा सड़क मार्ग बहाली का कार्य लगातार किया जा रहा है।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र में बनी रणनीति
प्रभारी मुख्य सचिव आरके सुधांशु, सचिव आपदा प्रबंधन शैलेश बगौली, डीजीपी दीपम सेठ, सेना व अन्य एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र में आपदा प्रबंधन की समीक्षा और रणनीति तय की गई। मार्ग बाधित होने के कारण, हेलीकॉप्टरों के जरिए मशीनरी और राहत दलों को एयरड्रॉप करने की योजना तैयार की गई है।
जौलीग्रांट पहुंचे चिनूक, एनडीआरएफ के जवान रवाना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशों के बाद केंद्र सरकार की ओर से बड़ी राहत के तौर पर दो चिनूक हेलीकॉप्टर जौलीग्रांट पहुंचे हैं। इनसे एनडीआरएफ के 50 जवानों को प्रभावित क्षेत्र में भेजा जा रहा है। साथ ही सेना के 05 एएन-32 हेलीकॉप्टर भी तैनात किए गए हैं। एक एमआई 17 हेलीकॉप्टर मौसम खराब होने के चलते सरसावा बेस लौट गया है, जिसे मौसम सुधरते ही पुनः भेजा जाएगा।
मानव संसाधनों की विशाल तैनाती
सेना: राजपुताना रायफल्स के 150 जवान, 12 घातक बटालियन के जवान, 40 नेलांग से पैदल रवाना, 50 की मेडिकल टीम टेकला तक पहुंची।
ITBP: 100 जवान मौके पर, 130 और भेजे गए।
SDRF: धराली, भटवाड़ी, लाटा और गंगोत्री में 30+ जवान तैनात।
NDRF: 79 जवान पापड़गाड़ में फंसे, 50 और 24 सदस्यीय टीमें जौलीग्रांट में स्टैंडबाई।
फायर सर्विस: गंगोत्री व उत्तरकाशी में यूनिट्स अलर्ट मोड पर।
मेडिकल संसाधन: 25 एंबुलेंस, 65 ICU बेड, 270 जनरल बेड आरक्षित। दून मेडिकल कॉलेज और एम्स ऋषिकेश की टीमें अलर्ट मोड में।
सड़क मार्ग बहाली का कार्य तेज
BRO और PWD की टीमें धराली पहुंचने वाले सभी मार्गों को खोलने में लगी हैं। गंगनानी और लिंचा ब्रिज क्षतिग्रस्त हो गए हैं, जिन्हें बैलीब्रिज के माध्यम से सुचारु करने के प्रयास किए जा रहे हैं। भटवाड़ी, पापड़गाड़, हर्षिल और अन्य स्थानों में युद्धस्तर पर मलबा हटाने और यातायात बहाली का कार्य जारी है।