नवीन चौहान
देश एवं समूचा विश्व कोविड-19 (कोरोना वाइरस) नामक महामारी से जूझ रहा है। भारत सरकार इस महामारी से निदान पाने के लिए स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने मेें लगी है वहीं लाॅकडाउन के चलते देश की बहुसंख्यक जनता भूखमरी के कगार पर पहुंच रही है। दैनिक मज़दूरी पर आश्रित गरीबों के समक्ष रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई है। असंख्य दैनिक दिहाड़ीदार मज़दूर बेरोजगारी की स्थिति में देश के विभिन्न हिस्सों से महामारी एवं भूख से घबराकर अपने-अपने गाँवों को जाने की होड़ में लगे हुए हैं। भारत सरकार एवं समस्त राज्य सरकारें अपने—अपने स्तर पर अथक प्रयास करते हुए उनके लिए भोजन एवं आश्रय की व्यवस्था करने में जुटे है। देश के तमाम सामाजिक संगठन आपदा की घड़ी में गरीबों की मदद कर रहे है। ‘वसुदेव कुटुम्बकम्’ की भावना पर विश्वास करने वाले भारत के तमाम नागरिक और संस्थाएं अपने स्तर पर देश की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने के लिए अपना योगदान दे रही है। इसी क्रम में डीएवी प्रबन्धकर्तृ समिति, नई दिल्ली जो कि एक गैर सरकारी संस्था है, देश के विपत्तिकाल में सर्वदा केंद्र व राज्य के साथ दृढ़ता से खड़े होकर देश की सेवा में तन-मन-धन से अपनी सेवाएं देती रही है।
डीएवी संस्था प्रमुख एवं आर्य प्रादेशिक प्रतिनिधि सभा के प्रधान पद्मश्री डाॅ पूनम सूरी जी ने वर्तमान विपत्तिकाल से द्रवित होकर अपनी समस्त डीएवी संस्थाओं, डीएवी के भूतपूर्व छात्रों, आर्य समाज की सभी संस्थाओं एवं डीएवी यूनाइटेड को निर्देश दिए हैं कि इस महामारी से निपटने के लिए सरकार के दिशा निर्देशों का पालन करते हुए स्थानीय प्रशासन की यथासम्भव मदद करें साथ ही उन्होनें डीएवी विद्यालयों के कर्मचारियों से एक मार्मिक आग्रह पीड़ित जन की सेवा के लिए किया है। इसके लिए समस्त स्टॉफ से एक दिन का वेतन पीएम केयर्स फंड के लिए संग्रह करने पर सहमति दी।
डीएवी हरिद्वार के प्रधानाचार्य पीसी पुरोहित जी ने बताया कि प्रधान पद्मश्री डाॅ पूनम सूरी जी के आह्वाहन पर डीएवी हरिद्वार स्थानीय प्रशासन के साथ इस संकट की घड़ी में यथासम्भव सहयोग करने के लिए कृतसंकल्प है साथ ही विद्यालय का प्रत्येक कर्मचारी स्वेच्छा से अपने एक दिन का वेतन मानवता की भलाई के लिए देने के लिए तत्पर हैं, जो कि डीएवी प्रबन्धकर्तृ समिति के माध्यम से सरकार को महामारी से निपटने हेतु दिया जाएगा।
डीएवी स्कूल के प्रधान पूनम सूरी जी देशहित के लिए सदैव अग्रणी भूमिका अदा करते रहे है। उत्तराखंड की केदारनाथ त्रासदी और बिहार की भीषण आपदा के दौरान भी डीएवी मैनेजमेंट कमेटी ने राहत सामग्री व आर्थिक सहायता प्रदान की थी। आर्य समाज के नियमों का अनुपालन करते हुए डीएवी संस्था राष्ट्र निर्माण में अपना सर्वस्व योगदान देती रही है। लेकिन इस आपदा के वक्त में देशरभर के डीएवी स्कूलों के शिक्षकों और समस्त स्टॉफ की ओर से दी जाने वाली आहूति भारत के गरीब वर्ग को राहत प्रदान करेंगी।