नवीन चौहान, हरिद्वार। धर्मनगरी को अपराध मुक्त बनाने की पुलिस कप्तान कृष्ण कुमार वीके की प्लानिंग फेल हो रही है। पुलिस कप्तान की कसौटी पर युवा दारोगा और निरीक्षक खरे उतरते दिखाई नहीं पड़ रहे है। अपराधी एक के बाद एक संगीन वारदात को अंजाम देकर पुलिस को खुली चुनौती दे रहे है। करीब एक सप्ताह के भीतर चोरी, डकैती, लूटपाट और मर्डर की घटनाओं में इजाफा हो गया है। पुलिस कप्तान इन अपराधियों को काबू करने और वारदात में संलिप्त अपराधियों को गिरफ्तार करने के लिये समीक्षा कर रहे है।
एसएसपी हरिद्वार कृष्ण कुमार वीके ने जनपद की कानून व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिये युद्ध स्तर पर प्लानिंग की। धर्मनगरी को अपराध मुक्त बनाने के शहरी और देहात इलाकों के लिये पुराने निरीक्षकों और दारोगा की जगह नये और युवा निरीक्षकों व दारोगा को तरजीह दी। युवा और जोश से लबरेज निरीक्षकों को थाना और कोतवाली का प्रभार सौंपा। इन निरीक्षकों और थाना प्रभारियों को रात्रि गश्त और पुलिस चेकिंग मुस्तैदी से कराने के निर्देश दिये। इन युवाओं में जोश भरने के लिये एसएसपी कृष्ण कुमार वीके खुद 24 घंटे जनता के बीच मौजूद रहे। ग्रामीण इलाकों के थानों में बैठकर अपराध समीक्षा बैठक की गई। जनता की समस्याओं को निरीक्षकों और थाना प्रभारियों के सामने सुना गया। खुद कप्तान कोतवाली और थानों का निरीक्षण करने रात्रि में सड़कों पर रहे। लेकिन पुलिस कप्तान की मेहनत और तमाम प्रयासों के बावजूद युवा निरीक्षक और दारोगा कसौटी पर खरे नहीं उतर पाये। यहीं कारण रहा कि अपराधियों ने सिर उठा लिया और एक के बाद एक वारदातों को अंजाम दिया। यहां तक अपराधियों ने चोरी, लूट, हत्या और डकैती की सनसनीखेज वारदात को अंजाम देकर पुलिस की कार्यशैली पर ही सवाल खड़े कर दिये। अगर बात सितंबर माह की वारदातों की करें तो हरिद्वार जनपद में चोरी की 46, लूट की 8 डकैती की 1 और हत्या की 6 वारदात हुई। हालांकि कई आपराधिक मामलों को पुलिस से वर्क आउट कर अपराधियों को जेल भेज दिया है। लेकिन वारदातों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है।
पुलिस कप्तान की कसौटी पर खरे नहीं उतरे युवा निरीक्षक और दारोगा,जानिये पूरी खबर



