उत्तराखंड में शादी के बाद पंजीकरण नही कराया तब लगेगा 10 हजार का जुर्माना




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न्यूज127
उत्तराखण्ड में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू होने के बाद अब विवाह पंजीकरण करना अनिवार्य हो चुका है। राज्य सरकार की ओर से इसकी सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है। सभी पात्र व्यक्ति अपने विवाह का पंजीकरण आसानी से ucc.uk.gov.in पोर्टल पर ऑनलाइन या निर्धारित प्रक्रिया के तहत ऑफलाइन करा सकते हैं।
सबसे जरूरी बात ये है कि कानून लागू हो
ने के छह माह के भीतर पंजीकरण न कराने वालों पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगेगा। पंजीकरण में गलत जानकारी देने वालों पर 25 हजार तक का जुर्माना लगेगा।
लेकिन यह शर्त 26 मार्च 2010 के बाद विवाह करने वालों पर है, तो उसका पंजीकरण कराना होगा। पहले जो करा चुके हैं, उन्हें दोबारा पंजीकरण की जरूरत नहीं होगी। यूसीसी में स्पष्ट किया गया कि विवाह करने वालों में से अगर स्त्री या पुरुष राज्य का निवासी होगा तो उसका पंजीकरण अनिवार्य होगा।
पुरुष की 21, स्त्री की 18 वर्ष आयु
उत्तराखंड में यूसीसी में ये प्रावधान किया गया कि विवाह तभी होगा जबकि पुरुष की न्यूनतम आयु 21 वर्ष और स्त्री की न्यूनतम आयु 18 साल हो।
इसके अलावा जो कोई भी व्यक्ति विवाह करने के बाद जानबूझकर पंजीकरण नहीं कराएगा या उपेक्षा करेगा, उस पर सब रजिस्ट्रार 10 हजार का जुर्माना लगा सकते हैं। जो व्यक्ति पंजीकरण में गलत तथ्य प्रस्तुत करेगा या कूटरचित दस्तावेज लगाएगा, उसे तीन माह की जेल और 25 हजार रुपये का जुर्माना या दोनों लग सकते हैं। जो सब रजिस्ट्रार पंजीकरण प्रक्रिया, विच्छेद पर 15 दिन के भीतर एक्शन नहीं लेगा, उस पर भी 25 हजार रुपये तक का जुर्माना लग सकता है।
ये भी हो सकता है
अगर कोई विवाह होता है और उसका पंजीकरण नहीं होता तो सब रजिस्ट्रार इसका खुद भी संज्ञान ले सकेगा। वह नोटिस भेजेगा, जिस पर 30 दिन के भीतर ज्ञापन प्रस्तुत करना होगा। ऐसा न करने पर 25 हजार का जुर्माना लगेगा। पंजीकरण न कराने पर कोई विवाह अविधिमान्य नहीं होगा।