पैंसा सरकार का और सड़क मेरे बाप की, हरिद्वार में संस्था की दबंगई




Listen to this article

गगन नामदेव
हरिद्वार में एक संस्था की दबंगई सिर चढ़कर बोल रही है। संस्था के पदाधिकारी पैंसा सरकार का और सड़क मेरे बाप की तर्ज पर धींगामुश्ती करने लगे है। संस्था ने सरकार का करोड़ों रूपया अपनी सड़कों को चमकाने में लगा दिया। लेकिन रास्ते का उपयोग व्यक्तिगत कर दिया।
जी हां हरिद्वार में एक संस्था ने अपनी सड़कों का निर्माण विधायक और सांसद निधि से कराया। हद तो तब हो गई इन संस्था के पदाधिकारियों ने अपने कार्यालय तक का मार्ग भी विधायक निधि से कराया। विधायकों ने भी खूब दरियादिली दिखाई। संस्था के लोगों के वोट पाने की खातिर विधायक निधि का पैंसा दिल खोलकर संस्था की सड़कों पर बहाया। लेकिन सड़क बन जाने के बाद इस संस्था ने अपने ही कर्मचारियों के लिए रास्ते पर जाने की अनुमति दी। जबकि आसपास के लोगों के लिए इस मार्ग पर आवाजाही प्रतिबंधित कर दी। अगर गलती से कोई व्यक्ति इस मार्ग से गुजर गया तो सुरक्षाकर्मी उसके साथ अभद्रता करते है। ऐसे में विचारणीय सवाल यह है कि जनता टैक्स सरकार को धन देती है। इस धन का उपयोग क्षेत्र के विकास के लिए होता है। ​विधायक और सांसद निधि के रूप में इस धन को खर्च किया जाता है। सवाल यह है कि विधायक और सांसद गरीब जनता के हितों के लिए खर्च किए जाने वाले धन का उपयोग किसी निजी संस्था को हित पहुंचाने के लिए करते है। क्या यह उचित है। अपनी राय कमेंट वाक्स में जरूर दे।