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गुरूकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय के गेस्ट हाउस में जबरदस्त हंगामा बरपा। आर्य प्रतिनिधि सभा के पदाधिकारी विनय आर्य और डॉ राजेंद्र विद्यालंकार को कर्मचारियों के क्रोध, विरोध और आक्रोश का सामना करना पड़ा। करीब तीन घंटे तक चले विरोध प्रदर्शन के दौरान पदाधिकारियों को गेस्ट हाउस के कमरे में मजबूरन कैद रहना पड़ा।
कमरे के बाद भारी संख्या में आक्रोषित कर्मचारी विरोध प्रदर्शन करते रहे। रजिस्ट्रार की सूचना पर पहुंची कनखल पुलिस ने मोर्चा संभाला। आक्रोशित भीड़ को शांत कराया और बंधक बने पदाधिकारियों को पुलिस सुरक्षा में उनके वाहन में बैठाकर उनके घरों के लिए रवाना किया। हालांकि कर्मचारियों का आक्रोश कम नही हुआ और रजिस्ट्रार के द्वारा पुलिस को सूचना भारी पड़ा। कर्मचारियों ने उनसे अभद्रता की और उनके खिलाफ नारेबाजी की गई। कर्मचारियों ने कुलपति कार्यालय में पहुंचकर रजिस्ट्रार को हटाने की मांग की गई। देर शाम रजिस्ट्रार को पदमुक्त करने के आदेश कुलपति डॉ हेमलता ने जारी कर दिए।

विदित हो कि बीते दिनों गुरूकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय के कुलाधिपति पद पर आर्य प्रतिनिधि सभाओं के पदाधिकारियों ने नामी उद्योगपति डॉ एसके आर्य को नियुक्त किया था। कुलाधिपति डॉ एसके आर्य का गुरूकुल कांगड़ी परिसर में पांच जून को आगमन और स्वागत कार्यक्रम किया जाना प्रस्तावित था। कुलाधिपति के गुरूकुल कांगड़ी में आगमन और स्वागत कार्यक्रम को लेकर आर्य प्रतिनिधि सभा की ओर से तमाम ईमेल कुलपति और रजिस्ट्रार को भेजी गई है। जबकि स्वागत कार्यक्रम की तैयारियों और व्यवस्था का जायजा लेने के लिए आर्य प्रतिनिधि सभा के प्रतिनिधि विनय आर्य और डॉ राजेंद्र विद्यालंकार एक जुलाई 2025 की रात्रि गुरूकुल कांगड़ी के गेस्ट हाउस पहुंचे। उनके रात्रि प्रवास की खबर गुरूकुल कांगड़ी के तमाम कर्मचारियों को मिल गई।

2 जुलाई 2025 की सुबह गुरूकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय के तमाम कर्मचारी एकजुट होकर गेस्ट हाउस पहुंचकर विरोध प्रदर्शन करने लगे। कर्मचारियों ने विनय आर्य और राजेंद्र विद्यालंकार को अपना आक्रोष व्यक्त किया। दोनों पदाधिकारी अपने गेस्ट हाउस के कक्ष में पहुंच गए। कक्ष के बाहर विरोध प्रदर्शन् और नारेबाजी चलती रही। इसी दौरान विनय आर्य और राजेंद्र विद्यालंकार के साथ गुरूकुल कांगड़ी के पूर्व मुख्याधिष्ठाता नवनीत परमार को देखकर कर्मचारियों का आक्रोष चरम पर पहुंच गया। कर्मचारियों और नवनीत परमार के बीच हाथापाई, मारपीट तक हुई।
वक्त के साथ माहौल गरमाता जा रहा था। इसी दौरान कनखल थाना प्रभारी निरीक्षक चंद्रमोहन ने पुलिस बल और उप निरीक्षक रमेश सैनी व धनीराम शर्मा को कानून व्यवस्था कायम रखने के लिए भेजा।
उप निरीक्षक रमेश सैनी ने सभी आक्रोषित भीड़ को कानून के दायरे में रहकर अपनी बात रखने की हिदायत दी। गुरूकुल कांगड़ी के आक्रोषित कर्मचारियों ने संयम बरता और पुलिस की मौजूदगी में विनय आर्य और राजेंद्र विद्यालंकार से वार्ता की।
गुरूकुल कांगड़ी कर्मचारी यूनियन के पदाधिकारियों की करीब आधा घंटे विनय आर्य और राजेंद्र विद्यालंकार से कर्मचारी हितों और उनके संरक्षण को लेकर वार्ता हुई। जबकि कक्ष के बाहर लगातार विरोध प्रदर्शन की आवाज सुनाई देती रही। विनय आर्य ने सभी को संतुष्ट करने का प्रयास किया लेकिन उनकी बातों पर कर्मचारियों ने भरोसा नही जताया। कर्मचारी संगठन यूजीसी के मानकों के अनुरूप विश्वविद्यालय को संचालित करने की मांग पर अड़े रहे।
संस्था के नियम और यूजीसी के मानकों के बीच उलझी कनखल पुलिस कर्मचारियों और संस्था पदाधिकारियों से कानून व्यवस्था को कायम रखने के लिए गेस्ट हाउस के कक्ष में मौजूद रही। पुलिस ने संस्था के पदाधिकारियों को गेस्ट हाउस से सुरक्षित बाहर निकाला और उनकी कार में बैठाकर अपने घर जाने के लिए रवाना कर दिया। कुछ ही देर में कर्मचारियों की भीड़ रजिस्ट्रार कार्यालय की तरफ कूच कर गई। लेकिन रजिस्ट्रार डॉ सुनील कुमार जा चुके थे। जिसके बाद कर्मचारियों ने पूरा घटनाक्रम कुलपति डॉ हेमलता को बताया और रजिस्ट्रार के व्यवहार और आचरण पर आपत्ति जताते हुए हटाने की मांग कर दी। जिसके बाद कुलपति डॉ हेमलता ने रजिस्ट्रार को पद मुक्त कर दिया।