बिना अनुमति कॉल रिकार्ड करना संगीन अपराध, वायरल करने पर मुकदमा




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न्यूज 127.
मोबाइल पर बात करते समय यदि आप किसी की आवाज रिकार्ड करते है तो जान ले ये एक संगीन अपराध है। सुप्रीम कोर्ट ने बकायदा इस पर गाइड लाइन जारी की है। यही नहीं रिकार्ड की गई आवाज को वायरल करने पर मुकदमा दर्ज कराया जा सकता है।

यह मामला आईटी एक्ट की धारा 66E (निजता का उल्लंघन) कि तहत आता है। इस धारा के अनुसार, किसी व्यक्ति की गोपनीयता को उल्लंघन करने के लिए कॉल रिकॉर्डिंग को अपराध माना जाता है। अगर किसी की अनुमति के बिना उसकी कॉल रिकॉर्ड की जाती है और उसे सार्वजनिक किया जाता है, तो यह अपराध माना जाएगा।

उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता ललित मिगलानी ने बताया अगर किसी को पता चलता है कि आपने बिना उसकी सहमति के कॉल रिकॉर्ड किया है तो वो कोर्ट जा सकता है, साथ ही एफआईआर भी दर्ज करवा सकता है। इसके बाद आपके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है और आपको गिरफ्तार भी किया जा सकता है। कॉल रिकॉर्डिंग के अलावा किसी की चुपके से फोटो लेना या फिर वीडियो बनाना भी अपराध है। ऐसा करने पर भी आपको जेल जाना पड़ सकता है। ऐसा करने पर भी आप आर्टिकल 21 का उल्लंघन करते हैं, इसीलिए ये आपको महंगा साबित हो सकता है।

पहले फोन में कॉल रिकॉर्डिंग का ऑप्शन मिलता था, लेकिन अब इसे बंद कर दिया गया है। जिन फोन में ये सुविधा है, उसमें भी सामने वाले को पता चल जाता है कि कॉल रिकॉर्ड हो रहा है। यानी कोई भी चुपके से कॉल रिकॉर्ड नहीं कर सकता है। गूगल ने भी ऐसे तमाम ऐप्स को स्टोर से हटा दिया है, जो कॉल रिकॉर्डिंग की सुविधा देते थे।