श्रीदेव विश्वविद्यालय के कुलसचिव पर गिरी गाज, अधिकार किए सीज, ये था मामला




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गगन नामदेव
श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय के कुलसचिव सुधीर बुडाकोटी पर बड़ी कार्रवाई करते हुए उनके अधिकार समाप्त कर दिए है। उनसे विश्वविद्यालय से संबद्ध परिसर गोपेश्वर एवं ऋषिकेश के अलावा राजकीय महाविद्यालय एवं निजी संस्थानों के ​कार्याकलापों एवं भ्रमण से प्रतिबंधित कर दिया है। उनसे कुलपति ने 9 दिसंबर को नोटिस जारी कर दो दिन में स्वयं उपस्थित होने के साथ स्पष्टीकरण मांगा था, लेकिन उन्होंने 14 दिसंबर तक अपनी ओर से स्पष्टीकरण तो क्या वे स्वयं उपस्थित तक नहीं हुए। जिस पर कुलपति डा पीपी ध्यानी ने उनपर कार्रवाई करते हुए उनके अधिकार समाप्त कर दिए है।
श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ पीपी ध्यानी ने विश्वविद्यालय में पारदर्शिता, शुचिता और कर्तव्यनिष्ठा से कार्य करने की शैली को अपनाते हुए स्पष्ट आदेश जारी किए थे कि प्रशासनिक अधिकारियों को मुख्यालय में बैठना होगा। लेकिन कुलसचिव सुधीर बुडाकोटी ने कुलपति के आदेशों को दरकिनार कर देहरादून के शिविर कार्यालय में बैठना शुरू कर दिया। विश्वविद्यालय को ऊंचाईयों पर ले जाने के लिए अथक प्रयास कर रहे कुलपति डाॅ ध्यानी ने छात्रों के देहरादून जाने की समस्या को दूर करते हुए ऋषिकेश कैंपस शुरू कर दिया। कुलसचिव ने ऋषिकेश में अपना डेरा जमा लिया। कुलसचिव सुधीर बुडाकोटी के ऋषिकेश कैंपस में बैठने को लेकर शासन ने संज्ञान लिया और 3 जून 2020 को बादशाहीथौल मुख्यालय में बैठकर कार्य करने के आदेश दिए गए। लेकिन कुलसचिव पर इन आदेश का कोई प्रभाव नही हुआ। कुलपति के तमाम आदेशों की धज्जियां उड़ती रही। जिसके बाद कुसचिव छुटटी पर चले गए। इसी दौरान उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने अपने निजी स्टाॅफ के तौर पर संबद्ध कर लिया। पांच महीने 13 दिनों बाद शासन ने एक बार फिर कुलसचिव को उनके मूल कार्यालय बादशाहीथौल के लिए रिलीव कर दिया। कुलसचिव सुधीर बुडाकोटी ने कुलपति डाॅ पीपी ध्यानी की गैर मौजूदगी में 2 दिसंबर 2020 को कार्यभार ग्रहण करने मुख्यालय पहुंच गए। इस दौरान कुलपति डाॅ ध्यानी को कोई सूचना तक नहीं दी गई। जिसके बाद अगले की दिन विभागीय वाहन लेकर ऋषिकेश कैंपस कार्यालय पहुंच गए। विश्वविद्यालय प्रांगण में कुलसचिव की धींगामुश्ती का कुलपति डाॅ ध्यानी ने कड़ा संज्ञान लेते हुए दो दिनों के भीतर विश्वविद्यालय के मुख्यालय में स्थायी रूप से उपस्थित होने के आदेश जारी कर दिए। जिस पर कुलपति ने कुलसचिव को नोटिस जारी किया था।