किसानों को बलपूर्वक रोकना सरकार की हठधर्मिता, आंदोलन और नीतियों के विरोध से डरी हुई हैं सरकारः अंबरीष




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जोगेंद्र मावी
पूर्व विधायक अंबरीष कुमार ने कहा कि देहरादून जा रहे किसानों को बलपूर्वक रोकना सरकार की हठधर्मिता सरकारे किसान आंदोलन से डरी हुई है और दिल्ली पुलिस 26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर भी ट्रैक्टर परेड को इजाजत देती है। दूसरी तरफ उत्तराखंड की पुलिस उत्तराखंड की सरकार किसानों को देहरादून राजभवन तक जाने से रोकना चाहती है लोकतंत्र का तकाजा यही है। जनता का जो वर्ग अपनी बात कहना चाहता हो सरकार के फैसले से नाराज हो अहिंसक प्रजातांत्रिक ढंग से अपनी बात कह सकता है और इस अधिकार का हनन उत्तराखंड राज्य की सरकार के इशारे पर कल पुलिस द्वारा किया गया और प्रश्न यह है कि राज्यपाल को मात्र ज्ञापन देना था राज्यपाल ज्ञापन लेते इसमें क्या आपत्ति थी और क्या कठिनाई थी, राज्यपाल महोदय को ज्ञापन लेना चाहिए था ताकि किसानों की बात राज्यपाल के माध्यम से देश के नेता और प्रधानमंत्री तक पहुंचती जिससे उनको यह अंदाज होता। यदि दिल्ली सीमा पर किसान बैठे हुए हैं यही नहीं पूरे भारत का किसान इन तीनों किसी कानूनों को खत्म करना चाहता है। हम इसकी निंदा करते हैं सरकार किसान विरोधी है किसानों की दुश्मन है यह कानून के जरिए भी सिद्ध हुआ और कल की जो घटना हुई उसने भी यह सिद्ध कर दिया। किसानों को बधाई देना चाहते हैं जो पूरी हिम्मत, जोश और उत्साह के साथ जो एक राष्ट्र हित के कार्य में जुटे हुए हैं, क्योंकि यह तीनों कानून किसानों के लिए नहीं आम जनता के लिए भी हानि करक है।
दास गुप्ता के बीच हुई वार्ता देश की सुरक्षा के लिए खतरा
पूर्व विधायक अम्बरीष कुमार ने कहा कि बीएआरसी के तत्कालीन सीईओ पार्थो दासगुप्ता के बीच हुई बातचीत देश की सुरक्षा के लिए खतरा है। आखिर इतनी संवेदनशील और गोपनीय सूचना जो प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री, गृहमंत्री, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार समेत पांच लोगों के पास रहती है अर्णव गोस्वामी तक कैसे पहुंची इसकी जांच क्यों नहीं हो रही है? आज इस चैट को लेकर और उसकी कॉपी के आधार पर पड़ोसी देश पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र संघो ने भारत को कटघरे में खड़ा किया है पाकिस्तान ने आरोप लगाए हैं कि इन तथ्यों के आधार पर यह प्रमाणित है कि पुलवामा कांड भारत ने ही कराया था पाकिस्तान का उसमें कोई हाथ नहीं था। और इसके विपरीत
तथाकथित देश भक्तों की सरकार देश की सुरक्षा के साथ हुई खिलवाड़ के खिलाफ खामोश है
। केंद्र सरकार को जवाब देना चाहिए और स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए कि जो दावे अर्णव गोस्वामी ने केंद्रीय मंत्रियों के बारे में किए उनका सच क्या है? बात बात पर एनआईए, ईडी, सीबीआई जांच करने वाली भाजपा सरकार की चुप्पी यह साबित करती है कि भाजपा की सरकार और अर्णव गोस्वामी की जुगलबंदी है। हम राहुल गांधी जी की मांग का समर्थन करते हैं और इस संवेदनशील राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी हुई इस सूचना के लीक करने वाले व्यक्ति को जेल भेजा जाए।