हरिद्वार। निरंजनी अखाड़े में संतों महंतों की बैठक आयोजित की गई। बैठक को सम्बोधित करते हुए अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत नरेन्द्र गिरि महाराज ने विभिन्न राज्यों में होने वाले महाकुंभ, अर्द्धकुंभ मेले को लेकर विचार रखे। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उज्जैन में महाकुंभ मेला सकुशल सम्पन्न कराने में अपनी विशेष भूमिका निभाई। संतों महंतों, महामण्डलेश्वरों को किसी भी प्रकार की परेशानियों का सामना महाकुंभ में नहीं झेलना पड़ा। सरकार के द्वारा किये गये कार्य की उन्होंने सराहना की। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से नासिक में और उज्जैन में 13 अखाड़ों को पंडाल के लिए भूमि आबंटित की गई थी वह जमीनें सरकार द्वारा 13 अखाड़ों को ही दे गई है। ठीक उसी प्रकार महाकुंभ एवं अर्द्धकुंभ अन्य मेलों में भी सरकारों को यह निति अपनानी चाहिये। 2018 में अर्द्धकुंभ मेला इलाहाबाद में आयोजित होगा उत्तर प्रदेश सरकार को भी अर्द्धकुंभ मेले में विशेष सेवायें संतों महंतों के लिए प्रदान करनी चाहिये। उन्होंने कहा कि 2021 में आस्था की नगरी हरिद्वार में महाकुंभ मेला होगा। उत्तराखण्ड सरकार को रणनीति के तहत अपनी योजनाओं को अमल में लाना चाहिये। किसी भी प्रकार की दिक्कतें देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को नहीं होनी चाहिये। केन्द्र सरकार की नीतियों पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा की कथनी करनी में अंतर नजर आ रहा है। उन्होंने कहा कि हिन्दुओं के हितों को लेकर केन्द्र सरकार ठोस पहल करने में अच्छे संदेश नहीं दे पा रही है। जब तक भाजपा के कुछ नेता समाज में बदले की भावना से कार्य करते रहेगें तो परेशानियां खड़ी होती रहेगी। कुछ नेताओं की कार्यशैली पर उन्होंने प्रश्नचिन्ह लगाये। उन्होंने कहा कि राज्य के चुनाव निर्विघ्न सम्पन्न हो चुके हैं। 11 मार्च को ही नेताओं की किस्मत का पिटारा खुल सकेगा।उन्होंने कहा कि हिन्दुओं की आस्था के विपरीत सरकारें कार्य ना करें संतों महंतों को उचित सम्मान देने में सरकारों की भूमिकायें अच्छी होनी चाहिये। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के पूरे आसार नजर आ रहे हैं। इस अवसर पर निरंजनी अखाड़े के सचिव महंत लालता गिरि, बैरागी कैम्प काली मंदिर के परमाध्यक्ष महंत रविन्द्र पुरी महाराज, श्रवणनाथ मठ के दिनेश गिरि महाराज, महंत शिव गिरि महाराज ने भी बैठक में अपने विचार रखे।
उज्जैन—नासिक की तर्ज पर जमीन आवंटन की संत समाज ने रखी मांग



