नवीन चौहान, हरिद्वार। जनता की सुविधा के सरकारी खजाने से दिने जाने पैंसों में धांधली करने के आरोप में हरिद्वार के एक ग्राम प्रधान से साढ़े 18 लाख की वसूली करने की तैयारी जिला प्रशासन ने कर ली है। इसके अलावा तत्कालीन जेई, वीडीओ व रोजगार सहायक पर भी कार्रवाई की तलवार लटक गई है। गांवों की सड़कों पर काम नहीं कराया गया जबकि इन अधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट में सड़क बनने की पुष्टि कर प्रधान को भुगतान कराने में सहयोग किया था। सीडीओ की ओर गठित की गई तीन सदस्य कमेटी ने कार्य में धांधली होने और सरकारी धन के गबन की पुष्टि होने की रिपोर्ट जिला प्रशासन को प्रेषित कर दी है। मामला सोहलपुर गांव का है।
सीडीओ स्वाति एस भदौरिया ने बताया कि साल 2016 में सोहलपुर गांव के प्रधान ने सड़क और पांच अन्य कार्यो के लिये जिला प्रशासन से भुगतान लिया था। इसी दौरान ग्रामीणों ने सड़क बनाने व अन्य कार्यो में धांधली की शिकायत कर दी। ग्रामीणों की शिकायत पर जब जिला प्रशासन की टीम गांव में जांच करने गई तो वहां अचानक गोलियां चल गई। विवाद की स्थिति में प्रशासन की टीम उलटे पांव लौट आई। जिसके बाद जिला प्रशासन की टीम पुलिस के सुरक्षा घेरे में सड़कों का निरीक्षण करने पहुंच गई। मौके पर पहुंची जिला प्रशासन की टीम को प्रधान की ओर से बनाई गई गांव की सड़कों की परत उखड़ी मिली। तथा सड़क की दूसरी परत गायब मिली। जिसके बाद इस मामले में तहसीलदार, एसीडब्लूई और लघु सिंचाई के अधिकारियों की एक तीन सदस्य समिति गठित कर पूरे मामले की निष्पक्षता से जांच कराने के निर्देश दिये गये। वहीं ग्राम प्रधान साहिन को कारण बताओ नोटिस जारी कर 15 दिन में जबाव दाखिल करने के आदेश दिये गये। प्रधान साहिन की ओर से कोई संतोषजनक जबाव नहीं दिया गया। इसी मामले में तीन सदस्य कमेटी की जांच रिपोर्ट में करीब साढ़े 18 लाख की धांधली होने की पुष्टि हो गई। इस प्रकरण में अब ग्राम प्रधान से रकम की वसूली करने की तैयारी जिला प्रशासन ने कर ली है। प्रधान को रकम सरकारी खजाने में जमा करने का नोटिस जारी किया जा रहा है। बतादे कि ऐसे ही करीब 12 अन्य प्रधानों की शिकायतों पर भी जांच चल रही है। यदि ग्रामीणों की शिकायत जांच में सही पाई जाती है तो उनको भी कारण बताओ नोटिस जारी किया जायेगा।