नवीन चौहान
डीएवी सेंटेनरी पब्लिक स्कूल के बच्चों में भारतीय संस्कृति, संगीत और लोकनृत्य के ज्ञान की अलख जागने के लिए लोक नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कक्षा छह से आठ तक के बालिकाओं ने बेहद शानदार मनमोहक प्रस्तुतियां देकर सभी का मन मोह लिया। पंजाबी, राजस्थानी, गढ़वाली भाषाओं में लोकनृत्य की प्रस्तुतियां हुई। स्कूल के प्रधानाचार्य पीसी पुरोहित ने प्रतियोगिता के निर्णायक मंडल के आधार पर गौरी प्रधान को प्रथम विजेता घोषित किया गया। जबकि श्रेष्ठा द्विवतीय, परनिका तृतीय और कृष्णा चतुर्थ स्थान पर रही।
डीएवी सेंटेनरी पब्लिक स्कूल के बच्चों में भारतीय संस्कृति, संगीत और लोकनृत्य के ज्ञान की अलख जागने के लिए लोक नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कक्षा छह से आठ तक के बालिकाओं ने बेहद शानदार मनमोहक प्रस्तुतियां देकर सभी का मन मोह लिया। पंजाबी, राजस्थानी, गढ़वाली भाषाओं में लोकनृत्य की प्रस्तुतियां हुई। स्कूल के प्रधानाचार्य पीसी पुरोहित ने प्रतियोगिता के निर्णायक मंडल के आधार पर गौरी प्रधान को प्रथम विजेता घोषित किया गया। जबकि श्रेष्ठा द्विवतीय, परनिका तृतीय और कृष्णा चतुर्थ स्थान पर रही।

शुक्रवार को डीएवी सेंटेनरी पब्लिक स्कूल के बहुउदेद्श्यी सभागार में एक नृत्य की प्रस्तुति की गई। जिसमें कक्षा 6,7,8 के सभी उपभागों के विद्यार्थियो ने भाग लिया। विद्यार्थियो द्वारा गढ़वाली, पंजाबी, राजस्थानी भाषाओं में लोक नृत्य की प्रस्तुतियां दी गई। इस अवसर पर प्रधानाचार्य पीसी पुरोहित ने स्कूली बच्चों का मनोबल बढ़ाते हुए कहा कि लोकनृत्य में भारत के अलग—अलग राज्यों के अलग—अलग नृत्य की झलक दिखलाई पड़ती है। नृत्य और संगीत की धुनों के अलग होने के बावजूद सभी भारतीयों की एकजुटता का बोध कराती है। लोकनृत्य प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने वाले तमाम विद्याथियों को नृत्य के साथ वहां की संस्कृति की जानकारी रखने की बात कही उन्होंने गढ़वाली नृत्य पर उत्तराखंड के गढ़वाल के नृत्य के संबंध में पूरा ज्ञान रखने की बात कहते हुए लड़कों पर कटाक्ष किया। लड़कों को भी संगीत और नृत्य प्रतियोगिताओं में भाग लेना चाहिए। प्रतियोगिता में 15 बालिकाओं ने हिस्सा लिया। ईशीका सिंह, परनिका, भूमिका अरोड़ा, गौरी मदान, मान्या सक्सेना, प्रगति, श्रेष्ठा, रिद्धि, विधि काला, परनिता, वंशिका, गुन अग्रवाल, आध्या बिष्ट, कृष्णा, कुसुम ने अपनी प्रतिभा के जौहर दिखलाए। प्रधानाचार्य पीसी पुरोहित ने सभी कार्यक्रम का सफल आयोजन कराने वाले सभी शिक्षिकाओं का आभार व्यक्त किया।