स्वामी श्रद्धानंद के आर्दश सिद्धांतों की किताब चट कर गई राजनैतिक दीमक, जानिये पूरी खबर




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नवीन चौहान, हरिद्वार। स्वामी श्रद्धानंद की तपस्थली गुरुकुल कांगड़ी में उनके आर्दशों और सिद्धांतों की किताब को राजनैतिक दीमक पूरी तरह से चट कर गई है। शिक्षा के नाम से जाना पहचाने जाना गुरुकुल कांगड़ी का विश्वविद्यालय की पहचान राजनैतिक अखाड़े के तौर पर बन गई है। इस विश्वविद्यालय के साथ कई विवाद जुड़े है। विश्वविद्यालय के अधिकारी से लेकर कर्मचारी पूरी तरह अपने स्वार्थ में लिप्त है। परिवारवाद इस विश्वविद्यालय की सबसे बड़ी कमजोरी है। यही कारण है कि इसी गुरुकुल विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले छात्र विश्वविद्यालय के ही रजिस्ट्रार को उनके ही भवन में कैद कर डालते है। विश्वविद्यालय उन छात्रों पर कोई एक्शन नहीं ले पाता। विश्वविद्यालय के भवन को तोड़फोड़ कर क्षतिग्रस्त कर दिया जाता है। प्रशासन मूकदर्शक बनकर तमाशा देखता रहता है। विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अपने आत्म सम्मान को बचाकर रखने की बात छोटे बच्चों की तरह गिडगिडाते हुये कुलपति से उनके आवास के भीतर करते है। तब भी कोई कार्रवाई नहीं होती है। कुलपति आवास में एक घंटे तक चली बैठक के बाद पूरे प्रकरण को अनुशासन समिति को सुपुर्द करने पर सहमति बनती है। वो अनुशासन समिति 48 घंटों के भीतर अपने समिति के पदाधिकारियों के साथ सिर्फ एक बैठक करती है। समिति ने घटना की वीडियो फुटेज तक उठाने की जहमत नहीं उठाई है। दान में मिली इस संपत्ति के नुकसान का दर्द किसी को नहीं है।
इस पूरे प्रकरण पर गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के अनुशासन समिति के अध्यक्ष डॉआके एस डागर से बात की तो उन्होंने बताया कि समिति के पदाधिकारियों की बैठक की गई है। जांच करने की दिशा तय की है। घटना के वीडियो फुटेज को रजिस्ट्रार आॅफिस से पता कराया जा रहा है। जिसको देखने के बाद आरोपियों पर कार्रवाई करने का निर्णय किया जायेगा। कुल मिलाकर कहें तो केस को ठंडे बस्ते में डालने की तैयारी की जा रही है। यही कारण है कि असामाजिक तत्वों के हौसले बुलंद होते है।