basmati: भारत सरकार के इस कदम से पाकिस्तान को मात देंगे भारतीय किसान




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  • सरकार ने सिंधू संधि की स्थगित, रोका चिनाब का पानी

न्यूज 127.
भारत सरकार द्वारा पहलगाम में हुई आतंकी घटना के बाद पाकिस्तान के खिलाफ उठाए जा रहे कूटनीटिक कदमों से पाकिस्तान की नींद उड़ी है। इन फैसलों से पाकिस्तान की अर्थ व्यवस्था के साथ साथ कृषि उत्पादन भी संकट में आ गया है। सिंधु जल समझौते को स्थगित करने से पाकिस्तान की खरीफ फसल पर सीधा असर होगा। चिनाब का पानी रोके जाने पर पाकिस्तान में बासमती धान की खेती पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं।

फोटो प्रतीकात्मक

भारत और पाकिस्तान बासमती निर्यात करने वाले बड़े देशों में शामिल हैं। भारत और पाकिस्तान के बीच बासमती निर्यात के मामले में वर्चस्व की लड़ाई जारी रहती है। सिंधू जल समझौता रोकने से चिनाब नदी से पाकिस्तान की ओर जाने वाले पानी का प्रवाह रूक गया है। जिससे पाकिस्तान के किसानों की चिंता बढ़नी स्वाभिक है। पानी की कमी से इस बार वहां के किसान बासमती धान की समय से बुवाई नहीं कर सकेंगे। यदि किसी तरह बुवाई कर भी दी तो फिर फसल को पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं मिलने से फसल के उत्पादन और गुणवत्ता दोनों में गिरावट आएगी जिससे पाकिस्तान का बासमती बाजार प्रभावित होगा।

फोटो प्रतीकात्मक

भारत में बासमती निर्यात विकास प्रतिष्ठान के संयुक्त निदेशक डॉ. रितेश शर्मा के मुताबिक पाकिस्तान की ओर जाने वाली नदियों का पानी रोके जाने का प्रभाव निश्चित रूप से वहां बासमती की खेती पर होगा। यदि वहां उत्पादन कम होगा तो भारत के किसानों को इसका लाभ मिलेगा। अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारत के बासमती की डिमांड बढ़ने से किसानों को भी इसके दाम अच्छे मिलेंगे।

फोटो प्रतीकात्मक

हालांकि पिछले साल अंतरराष्ट्रीय बाजार में डिमांड कम रहने से बासमती के दामों में गिरावट देखी गई थी, लेकिन इस बार जो स्थिति बनती दिख रही है उससे बासमती उत्पादन करने वाले भारतीय किसानों को लाभ होने की संभावना है। इस बार बासमती निर्यात विकास प्रतिष्ठान ने ही अभी तक 850 कुंतल बीज बिक्री किया है। अन्य कृषि संस्थानों के माध्यम से भी बासमती का बीज किसानों को उपलब्ध कराया गया है। डॉ रितेश ने बताया कि भारत में मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, हिमाचल और जम्मू में पैदा होने वाला बासमती ही निर्यात होता है।

पिछले तीन वर्षों में किया गया निर्यात
वर्ष 2022—23 में 45.6 लाख मीट्रिक टन
वर्ष 2023—24 में 52.42 मीट्रिक टन
वर्ष 2024—25 में 54.26 लाख मीट्रिक टन (फरवरी माह तक)

पिछले तीन वर्षों में बासमती निर्यात से प्राप्त आय
वर्ष 2022—23 में 38524 करोड़
वर्ष 2023—24 में 48389 करोड़
वर्ष 2024—25 में 45510 करोड़ (फरवरी माह तक)