नवीन चौहान, हरिद्वार। जिलाधिकारी की कुर्सी आराम करने के लिये नहीं जनता के काम करने के लिये होती है। जनता की समस्याओं का समाधान करना जिलाधिकारी का पहला कर्तव्य होता है। जिले में अवैध धंघों को बंद कराना और कानून का बखूवी पालन कराना डीएम का धर्म होता है। इस कर्तव्य धर्म को निभाना कोई जिलाधिकारी दीपक रावत से सीखे। भारी बारिश के बीच छाते में खड़े होकर भी जिलाधिकारी पॉलीथीन अभियान को जारी रखते है। जुर्माने और सील की कार्रवाई को पूरी कराकर बरामद माल को जब्त कराते है।
जिलाधिकारी दीपक रावत अपनी कार्यशैली को लेकर प्रशासनिक अफसरों में अलग पहचान रखते है। औचक निरीक्षण करना अवैध धंधों पर छापेमारी करना उनकी कार्यशैली का हिस्सा है। वह अपने कर्तव्य का बखूवी अंजाम देते है। इसी के चलते चंद समय के भीतर ही अवैध कारोबारियों में उनके नाम का खौफ समाने लगा है। एक करीब एक सप्ताह पूर्व अवैध खनन को लेकर पंतद्वीप में छापामारा। अवैध खनन करने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया। तहसील का निरीक्षण करने पहुंचे तो स्टांप वेंडर के यहां छापामार दिया। जहां से भारी संख्या में बिना लिखा पढ़ी के स्टांप बरामद कर लिये। इसके साथ ही खुद जनता को डेंगू से निजात दिलाने के लिये कालोनियों में घर-घर पहुंच गये। गुरुवार को जिलाधिकारी एक बार फिर एक्शन में दिखाई दिये। इस बार उनका मिशन प्रतिबंधित पॉलीथीन को जनपद से बंद कराना था। अभियान के दौरान आई भारी बारिश भी डीएम के अभियान को बंद नहीं करा पाई। सूचना के आधार पर वह गोदामों पर पहुंचते रहे और छापेमारी को जारी रखा। जब बारिश होने लगी तो छाते के नीचे खड़े होकर भी अपने मिशन को पूरा करते रहे। उन्होने जनता को अपने इरादे जाहिर कर दिये है। गलत काम करते हो तो बंद कर दो बरना अंजाम बुरा होगा।
डीएम का एक्शन, भारी बारिश में छाते के नीचे होकर किया मिशन पूरा



